सीरिया में अमेरिका ने क्यों चलाया "OPERATION HAWKEYE STRIKE"...जिसमें ISIS के दर्जनों ठिकाने हुए तबाह, ट्रंप ने कहा-"खूनी बदला"
अमेरिका ने सीरिया में आईएसआईएस आतंकवादियों के ठिकानों पर 70 से ज्यादा हवाई हमले किए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे खूनी बदला बताया है। मगर आइये आपको बताते हैं कि अमेरिका ने यह हमला क्यों किया?

दमिश्क/वाशिंगटन: अमेरिकी सेना ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट (ISIS) आतंकवादियों के के दर्जनों ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई और तोपखाने से हमला किया है। अभी भी यह कार्रवाई जारी है। अमेरिका ने इस अभियान का नाम 'ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक' रखा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे "खूनी बदला" करार दिया है। बता दें कि अमेरिका ने यह हमला तब किया है, जब एक दिन पहले ही उसने सीरिया से सभी तरह के बैन को हटा लिया था। सीरियाई सरकार ने इसके लिए ट्रंप सरकारी की सराहना भी की थी।
अमेरिका ने क्यों की सीरिया पर स्ट्राइक
बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले ही सीरिया में 3 अमेरिकी सैनिकों को आईएसआईएस के आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था। अपने इन्हीं सैनिकों की मौत का बदला लेने के लिए अमेरिका ने यह स्ट्राइक की है। ऑपरेशन का नाम "OPERATION HAWKEYE STRIKE" अमेरिकी सैनिकों के गृह राज्य आयोवा (जिसे हॉकआई स्टेट कहा जाता है) के सम्मान में रखा गया है। अमेरिका ने यह कार्रवाई 13 दिसंबर को पल्मायरा में हुए आतंकी हमले के जवाब में की है। अमेरिका ने इसे अपने सैनिकों की मौत का सीधा बदला बताया है, जिसमें दो अमेरिकी सैनिक और एक नागरिक अनुवादक समेत 3 अमेरिकी नागरिक मारे गए थे।
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने दी हमले की जानकारी
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सोशल मीडिया पर सीरिया पर किए गए हमले की जानकारी दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, "आज सुबह, अमेरिकी बलों ने सीरिया में 'ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक' शुरू किया, जिसका उद्देश्य ISIS के लड़ाकों, उनके बुनियादी ढांचे और हथियारों के ठिकानों को नष्ट करना है। यह अभियान 13 दिसंबर को पल्मायरा में अमेरिकी बलों पर हुए हमले का प्रत्यक्ष जवाब है।"हेगसेथ ने आगे कहा, "यह युद्ध की शुरुआत नहीं है, यह बदले की घोषणा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका अपने लोगों की रक्षा करने में कभी झिझकेगा नहीं और कभी पीछे नहीं हटेगा।"
"अमेरिका आपको खोजेगा, पकड़ेगा और बेरहमी से मार डालेगा"
पीट हेगसेथ ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, "जैसा कि हमने उस क्रूर हमले के तुरंत बाद कहा था, अगर आप अमेरिकियों को दुनिया में कहीं भी निशाना बनाते हैं तो आप अपना शेष छोटा, चिंतित जीवन यह जानते हुए बिताएंगे कि अमेरिका आपको खोजेगा, पकड़ेगा और बेरहमी से मार डालेगा। आज हमने अपने दुश्मनों का शिकार किया और उन्हें मारा।बहुत सारे का मारा और हम इसे जारी रखेंगे।"अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के अनुसार, इस अभियान में लड़ाकू विमानों, हमलावर हेलीकॉप्टरों और तोपखाने का इस्तेमाल किया गया।
जोर्डन भी यूएस के साथ एयरस्ट्राइक में रहा शामिल
पीट हेगसेथ के अनुसार इस हमले में 100 से अधिक सटीक हथियारों से मध्य सीरिया में 70 से ज्यादा संदिग्ध ISIS ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें हथियार भंडारण स्थल और ऑपरेशनल इमारतें शामिल हैं। जॉर्डन की वायुसेना ने भी इस अभियान में सहयोग दिया। हमले कई घंटों तक चले और देर रात तक जारी रहे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया कि यह "बहुत गंभीर बदला" है और अमेरिका ISIS के "खूनी आतंकवादियों" को निशाना बना रहा है। उन्होंने कहा कि सीरिया की नई सरकार इस अभियान का पूरा समर्थन कर रही है। ट्रंप ने इसे "बड़ी सफलता" बताया और कहा कि ISIS को फिर से उभरने नहीं दिया जाएगा।
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