Sunday, April 28, 2024
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ऑटो सेक्टर में तेजी से बढ़ा म‍हिलाओं का दबदबा, टाटा, महिंद्रा समेत इन कंपनियों में खूब मिल रहा रोजगार

टाटा मोटर्स के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) रवींद्र कुमार जीपी ने बताया, ''हम समान अवसर देने वाले नियोक्ता हैं। हमारा जोर विविधता बढ़ाने पर है।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: July 02, 2023 14:31 IST
Women working in Auto Plant - India TV Paisa
Photo:FILE ऑटो प्लांट में काम करती महिलाएं

भारत की आधी आबादी के लिए ऑटो सेक्टर सुनहरे भविष्य के सपने को सकार करने वाला बन रहा है। देश की तमाम बड़ी कंपनियों में महिलाओं को बडी संख्या में उपस्थिति इस बात का प्रमाण दे रहा है। आपको बता दूं कि घरेलू वाहन विनिर्माता टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अशोक लीलैंड और हीरो मोटोकॉर्प कार्य स्थल पर विविधता बढ़ाने के तहत अपनी कार्यशालाओं में महिलाओं को अधिक रोजगार दे रहे हैं। इन कंपनियों के विभिन्न कारखानों-दोपहिया वाहनों से लेकर लोकप्रिय एसयूवी और भारी वाणिज्यिक वाहनों तक, हर जगह हजारों महिलाएं काम कर रही हैं। टाटा मोटर्स के छह विनिर्माण संयंत्रों में कार्यशालाओं में 4,500 से अधिक महिलाएं काम करती हैं। कंपनी के पुणे संयंत्र में पूरी तरह महिला कर्मचारियों वाली कार्यशाला है। यहां 1,500 से अधिक महिलाएं हैरियर और सफारी जैसी लोकप्रिय एसयूवी का उत्पादन करती हैं। 

महिलाओं को समान अवसर उपलब्ध कराने की कोशिश 

टाटा मोटर्स के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) रवींद्र कुमार जीपी ने बताया, ''हम समान अवसर देने वाले नियोक्ता हैं और मानते हैं कि लैंगिक आधार पर संतुलित कार्यबल उत्पादकता में वृद्धि, बेहतर निर्णय, बेहतर सहयोग और अधिक नवीन विचारों के लिए महत्वपूर्ण है। हमारा जोर विविधता बढ़ाने पर है, और हमारी नई भर्तियों में 25 प्रतिशत महिलाएं हैं।'' एक अन्य घरेलू वाहन विनिर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) के संयंत्रों में महिलाओं की संख्या पिछले साल की तुलना में तीन गुना बढ़कर इस समय 1,202 हो गई है। ये महिला कर्मचारी वेल्डिंग से लेकर रोबोटिक्स लोडिंग, वाहन असेंबली और मशीन शॉप तक की प्रमुख गतिविधियों में शामिल हैं।

लिंग के आधार पर नौकरी में वरीयता नहीं 

वाणिज्यिक वाहन विनिर्माता अशोक लीलैंड के सात अलग-अलग संयंत्रों में 991 महिलाएं काम करती हैं। अशोक लीलैंड के अध्यक्ष और संचालन प्रमुख गणेश मणि ने कहा कि कंपनी हमेशा यह कहती है कि किसी भी नौकरी के लिए किसी खास लिंग को वरीयता नहीं दी जाती है। दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन विनिर्माता हीरो मोटोकॉर्प में भी 1,500 से अधिक महिला कर्मचारी हैं। 

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