नागपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि अब समय आ गया है कि सीमेंट और इस्पात उद्योग उत्पादन के लिए कोयले की जगह हरित हाइड्रोजन का ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दें। उन्होंने नागपुर में मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (एमओआईएल) के विभिन्न प्रतिष्ठानों के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में यह कहा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा, "अब सीमेंट और स्टील उद्योग में कोयले के स्थान पर हरित हाइड्रोजन का ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करने का समय आ गया है। हमें धातु उद्योग चलाकर मूल्यवर्धन पर काम करना चाहिए, जहां खनन उत्पाद ऊर्जा के रूप में हरित हाइड्रोजन का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमें पर्यावरण की रक्षा करनी होगी और साथ ही साथ अपने उत्पादन में वृद्धि भी।"
इससे पहले भी हाल ही में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत को एक ऐसा देश बनाने की जरूरत है जो पेट्रोल और डीजल के आयात पर निर्भर नहीं हो। उन्होंने इस बात पर क्षोभ जताया कि कई देश पेट्रोल और डीजल की बिक्री के धन का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए कर रहे हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘हरित हाइड्रोजन पेट्रोल और डीजल से बेहतर है। परिवहन क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ रहा है।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘हम भारत को ऐसा देश बनाना चाहते हैं, जो पेट्रोल और डीजल के आयात पर निर्भर नहीं हो, बल्कि ईंधन का निर्यात करे।‘‘ उन्होंने कहा कि यह एक राष्ट्रवादी विचार है। गडकरी ने कहा, ‘‘पेट्रोल और डीजल का आयात कर हम उन देशों को अमीर कर रहे हैं जो आतंकवाद का वित्तपोषण करते हैं।’’ हालांकि, उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल का आयात घटाकर देश कई समस्याओं को हल कर सकता है।