नई दिल्ली: दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही जेपी इंफ्राटेक के रिणदाताओं ने सुरक्षा समूह को अपनी बोली में अधिक जमीन की पेशकश करते हुये सुधार लाने को कहा है वहीं घर खरीदारों ने आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा को कम करने की मांग की है। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण के लिये जारी दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता प्रक्रिया के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एनबीसीसी और निजी क्षेत्र की कंपनी सुरक्षा समूह की संशोधित बोलियों पर विचार के लिये शनिवार को रिणदाताओं के समूह की समिति (सीओसी) की बैठक हुई।
जेपी इंफ्राटेक के मामले में यह बोली लगाने का चौथा दौर है। जेपी इंफ्राटेक अगस्त 2017 को दिवाला प्रक्रिया के तहत रख दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक रिणदाताओं ने सुरक्षा समूह से कहा है कि वह अपनी बोली में कर्ज-भूमि की अदला-बदली के मामले में अधिक जमीन की पेशकश करे। कंपनी ने वर्तमान में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 2,050 एकड़ जमीन की पेशकश की है।
दूसरी तरफ जेपी के घर खरीदारोंने सुरक्षा समूह से खरीदारों को उनके फ्लैट का कब्जा देने की समय सीमा और कम किए जाने की मांग की है। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर एनबीसीसी और मुंबई स्थित सुरखा समूह ने जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण के लिये पिछले सप्ताह अपनी संशोधित बोलियां जमा कराई थी। समाधान योजनाओं को अंतरिम समाधान पेशेवर अनुज जैन को सौंप दिया गया है। शीर्ष अदालत ने समाधान प्रक्रिया को 45 दिन आगे बढ़ाने का भी निर्देश दिया था।