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यस बैंक के खातों के फोरेंसिक आडिट की जरूरत नहीं: प्रशांत कुमार

जमा पर मौजूदा ब्याज दर बरकरार रखने पर कोई फैसला नहीं

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : March 17, 2020 22:06 IST
Yes Bank- India TV Paisa

Yes Bank

नई दिल्ली। यस बैंक के नामित सीईओ प्रशांत कुमार ने मंगलवार को बैंक के बही-खातों के फोरेंसिक आडिट की संभावना से इनकार किया लेकिन उन्होंने जमा पर मौजूदा 5-6 प्रतिशत ब्याज बरकरार रखने को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं दिया। कुमार पूर्व में एसबीआई में काम कर चुके हैं । वह आरबीआई की पुनर्गठन योजना के तहत औपचारिक रूप से 26 मार्च को यस बैंक के सीईओ और प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी संभालेंगे। उन्होंने कहा कि वह मार्च तिमाही में 8,500 से 10,000 करोड़ रुपये की वसूली की उम्मीद करते हैं। बैंक पहले ही एनपीए के लिए 42 प्रतिशत की जगह 72 प्रतिशत से अधिक का प्रावधान कर चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि एनपीए के बारे में जो अनुमान पहले घोषित किए गए है वृद्धि हुई तो भी वह 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। 

कुमार ने कहा कि यस बैंक के बही-खातों के फोरेंसिक आडिट की बिल्कुल जरूरत नहीं है क्योंकि हमने तीसरी तिमाही के परिणाम में जिन कर्जों को संदिग्ध संपत्ति घोषित किया था, वह मोटे अनुमान पर था। उन्होंने संवाददाताओं से कहा अगर 8,500 करोड़ रुपये का और कर्ज एनपीए हो जाता है तो भी, हमारे 72 प्रतिशत के प्रावधान से कुल मिला कर कर्ज की हमारी लागत कम होगी यह तय है। इस मौके पर भारतीय स्टेट बैंक के प्रमुख रजनीश कुमार और फेडरल बैंक के आशुतोष खजुरिया भी मौजूद थे। एसबीआई की यस बैंक में फिलहाल करीब 43 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वह सबसे बड़ा हिस्सेदार है। फेडरल बैंक ने 300 करोड़ रुपये यस बैंक में लगाने की घोषणा की है।

 एटी1 बांड धारकों (10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज) द्वारा मुकदमा किये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि मामला उच्च न्यायालय में है और अगर यह साबित होता है कि बांड गलत तरीके से बेची गयी, उस पर गौर किया जा सकता है। बांडधारकों का दावा है कि उन्हें बांड गलत तरीके से बेचा गया और अब आरबीआई से पुनर्गठन योजना के तहत बट्टे खाते में डाल दिया है। उन्होंने बैंक शेयर में पैसा लगाने वाले खुदरा निवेशकों पर पाबंदी के बारे में भी साफ जवाब नहीं दिया। खुदरा निवेश भी बैंक और आरबीआई के खिलाफ मुकदमा करने की तैयारी में है। 

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