नई दिल्ली| एचडीएफसी बैंक ने अनुमान दिया है कि गुरुवार को पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक प्रमुख दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा। हालांकि बैंक का मानना है कि रिजर्व बैंक को ग्रोथ के लिए ब्याज दरों में कटौती के जरिये बड़ा कदम उठाना होगा। बैंक के मुताबिक RBI जल्दी से जल्दी जून की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है।
बैंक के द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि बजट में मांग बढ़ाने के लिए कोई बड़े ऐलान नहीं किए गए हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक को ग्रोथ में तेजी लाने के लिए दरों में कटौती करनी चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक बजट में ऐसे प्रावधान नहीं किए गए हैं जिससे महंगाई में बढ़त देखने को मिले ऐसे में रिजर्व बैंक के सामने जून में दरें घटाने की संभावनाएं हैं। चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर एक दशक के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान है। ऐसे में इंडस्ट्री की तरफ से मांग बढ़ रही है कि ग्रोथ को तेज करने के उपायों का ऐलान किया जाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे चलकर महंगाई के नियंत्रित रहने पर स्थतियां ग्रोथ के लिए अनुकूल होंगी। रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि महंगाई दर 7 फीसदी के ऊपर बनी रहेगी जो कि रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक है। हालांकि, आगे चलकर मुद्रास्फीति में कमी आएगी।
रिजर्व बैंक ने पिछली समीक्षा में दरों में कोई कटौती नहीं की थी। हालांकि साल 2019 में रिजर्व बैंक ने लगातार 5 बार में रेपो दरों में कुल 135 बेस अंक की कटौती की थी। फिलहाल रेपो दरें 5.15 फीसदी के स्तर पर है। रेपो दरों में कटौती का सीधा असर ग्राहकों के द्वारा लिए जाने वाली कर्ज दरों पर देखने को मिलता है। दरों में गिरावट से ईएमआई घटती है जिससे मांग में तेजी की उम्मीद बनती है।