मुंबई: निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक ने आशंका जताई है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते खुदरा क्षेत्र में परिसंपत्ति की गुणवत्ता संबंधी तनाव देखने को मिल सकता है, यानी हो सकता है कि कुछ लोग कर्ज की किस्त समय पर अदा न कर पाएं। एचडीएफसी बैंक के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक शशिधर जगदीशन ने एक निवेशक वार्ता में कहा कि जिन कर्जदारों को पहली लहर के बाद ऋण की किश्त स्थगन या पुनर्गठन जैसे नियामक उपायों का लाभ उठाना पड़ा था, वे सबसे अधिक प्रभावित होंगे।
जगदीशन ने कहा कि निकट भविष्य से बहुत अधिक उम्मीदें नहीं हैं और बैंक इन असाधारण समय में ‘‘सतर्क’’ रहेगा। उन्होंन कहा, ‘‘इतने सालों में पहली बार ऐसा है कि जो होने वाला है, उस पर हमारी कोई पकड़ नहीं हो सकती।’’ उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई ब्रोकरेज मैक्वेरी द्वारा आयोजित वार्ता में कहा, ‘‘हम कॉरपोरेट और एसएमई (छोटे और मध्यम उद्यमों) की ओर से संपत्ति की गुणवत्ता को लेकर अपेक्षाकृत रूप से आशावादी हैं, लेकिन खुदरा क्षेत्र या जिन लोगों ने पहली लहर के बाद ऋण की किश्त स्थगन या पुनर्गठन जैसे नियामक उपायों का सहारा लिया था, वे इस तरह के दर्द और तनाव को महसूस करते रहेंगे।’’
जगदीशन ने कहा कि बैंक ने फील्ड स्टाफ को व्यावसायिक जरूरतों के मुकाबले स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए कहा है, और इसलिए संग्रह में मंदी रहेगी, जिसके चलते निकट अवधि में किश्त अदायगी में चुकी बढ़ सकती है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘लेकिन मैं यह नहीं कहना चाहता कि यह नाटकीय रूप से बहुत अधिक होगा। यह ज्यादा होगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह नुकसान होगा। आने वाली तिमाहियों में इनकी भरपाई हो जानी चाहिए।’’ उन्होंने दो तिमाहियों में हालात सामान्य होने की उम्मीद जताई।