5G Auction over: भारत में अबतक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी सोमवार को खत्म हो गई। इसमें कुल 1,50,173 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की बिक्री हुई। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि सात दिन तक चली नीलामी सोमवार दोपहर संपन्न हो गई। उन्होंने कहा कि बिक्री से प्राप्त राशि का अनंतिम आंकड़ा 1,50,173 करोड़ रुपये है और अंतिम संख्या का मिलान किया जा रहा है।
चार कंपनियों ने भाग लिया था
दूरसंचार विभाग ने इस नीलामी में कुल 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की बिक्री की पेशकश की है। इस नीलामी में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के अलावा अडाणी एंटरप्राइजेज ने शिरकत की। नीलामी के दौरान दौरान रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों के बीच स्पेक्ट्रम के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा रही। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दिनों कहा था कि 5जी नीलामी इस बात को रेखांकित करती है कि उद्योग विस्तार करना चाहता है और विकास के चरण में प्रवेश कर गया है। उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम के लिए निर्धारित आरक्षित मूल्य उचित है और यह नीलामी के परिणाम से साबित होता है।
कब से मिलेंगी 5G सेवाएं?
उम्मीद जताई जा रही है कि 15 अगस्त के पहले-पहले तक स्पेक्ट्रम किसे मिलेगा, ये फाइनल हो जाएगा और सितंबर-अक्टूबर तक देश के कुछ शहरों में 5जी सेवाएं मिलनी शुरु हो जाएंगी। वहीं देश के सभी मुख्य शहरों तक सेवाएं शुरु करने में इस साल के अंत तक का समय लग सकता है।
4G से कितना अलग होगा 5G?
5G नेटवर्क भारत का अब तक का सबसे तेज मोबाइल नेटवर्क होगा। जो कुछ ही सेकेंड्स में इंटरनेट से हमारी जरूरत की जानकारी लाकर देने में सक्षम होगा। इससे हम 4G की तुलना में तेज वीडियो डाउनलोड्स कर पाएंगे। 5G में लेटेंसी यानी धीमापन नेट चलाते वक्त महसूस नहीं होगा। लेटेंसी कम होने से नेटवर्क की स्पीड बेहद तेज हो जाएगी। इसके आने से हमें टेलीमेडिसिन, माइनिंग, वेयरहाउसिंग और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर के काम में तेजी देखने को मिलेगी।