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एंटी चाइना मुहिम के बावजूद मोबाइल, लैपटॉप और गैजेट्स में ड्रैगन का दबदबा कायम

चांदनी चौक और पुरानी दिल्ली के होल सेल कारोबारियों का कहना है कि चीनी गैजेट्स की मांग पर कोई असर नहीं हुआ है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : February 17, 2022 15:24 IST
China- India TV Paisa
Photo:INIDA TV

China

Highlights

  • 2020 में बॉर्डर पर बढ़े तनाव के बाद स्वेदशी मुहिम भारत में चला
  • भारत में मोबाइल फोन की शीर्ष 5 में से 4 कंपनियां चीन की
  • चीनी लैपटॉप कंपनी लेनोवो की भारत से होने वाली कमाई बढ़ी

नई दिल्ली। भारत में एंटी चाइना मुहिम का चीन की कंपनियों पर बहुत ज्यादा असर होता नहीं दिख रहा है। चीनी मोबाइल, लैपटॉप और गैजेट्स कंपनियां भारतीय बाजार पर अपनी पकड़ और मजबूत करती दिख रही है। अगर बात करें मोबाइल फोन की तो भारत में  शीर्ष 5 में से 4 कंपनियां चीन की है। वहीं, लैपटॉप, वेब कैमरा, चिप और दूसरे गैजेट्स में भी चीनी कंपनियां अपनी पकड़ मजबूत करने में कामयाब हुईं हैं।

बाजार में चीन की कंपनियों का दबदबा

काउंटरपॉइंट के हालिया अध्ययन के मुताबिक भारत के स्मार्टफोन बाजार का आकार पिछले साल के मुकाबले वर्ष 2021 में 27 फीसदी वृद्धि के साथ 38 अरब डॉलर के पार पहुंच गया। इसमें से शीर्ष पांच में चार ब्रांड चीनी कंपनियों का है जिनके नाम हैं शियोमी, वीवो, रीयलमी और ओप्पो। 2021 के तीसरी तिमाही के आंकड़ों का विश्लेषण बताता है कि देश में हर दूसरा स्मार्टफोन चीनी कंपनियों का है। अगर भारतीय स्मार्टफोन बाजार में हिस्सेदारी  की बात करें तो शियोमी की 23% सैमसंग की 17% वीवो की 15% रीयलमी की 15% ओप्पो की 10% और अन्य की 20% है। 

लेनोवो की आय में 14% का उछाल

चीनी लैपटॉप बनाने वाली कंपनी लेनोवो की भारत से होने वाली कमाई में 14% का उछाल वित्त वर्ष 2021 में आया है। वह भी तब जब डीपीआईआईटी से लेनोवो को सरकारी टेंडर में भाग लेने की अनुमति नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि 2020 में बॉर्डर पर बढ़े तनाव के बाद स्वेदशी मुहिम का असर चीनी सामान पर नहीं हुआ है। इसकी वजह चीनी उत्पाद भारतीय से सस्ते और बेहतर होना है। जब तक भारतीय कंपनियां चीनी उत्पाद को टक्कर नहीं दे पाएगी तब तक चीनी सामान की मांग बनी रहेगी। इसकी का असर है भारतीय मोबाइल कंपनियां की हिस्सेदारी बीते पांच साल में बढ़ने की बजाय घट गई है। 

गैजेट्स की मांग में कोई कमी नहीं 

चांदनी चौक और पुरानी दिल्ली के होल सेल कारोबारियों का कहना है कि चीनी गैजेट्स की मांग पर कोई असर नहीं हुआ है। धरल्ले से चीनी गैजेट्स बिक रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है चीनी सामान सस्ते में मिलने। उसके मुकाबले भारतीय कंपनियों के सामान काफी महंगे हैं। 

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