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Budget 2022 से बढ़ेगी 'मेड इन इंडिया' प्रोडक्ट की धमक, निर्यातकों ने वित्तमंत्री से की ये मांग

निर्यातकों के संगठन ने बजट में लॉजिस्टिक से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देने और एमएसएमई को समर्थन के लिए भागीदारियों एवं एलएलपी पर आयकर में कटौती की भी मांग की है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : January 24, 2022 18:04 IST
Budget 2022 से बढ़ेगी 'मेड इन...
Photo:FILE

Budget 2022 से बढ़ेगी 'मेड इन इंडिया' प्रोडक्ट की धमक, निर्यातकों ने वित्तमंत्री से की ये मांग

Highlights

  • देश से बाहर जाने वाली खेप की संख्या बढ़ाने के लिए कदम उठाए सरकार
  • प्लास्टिक से बने उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने की भी जरूरत
  • MSME की मदद के लिए भागीदारियों एवं LLP पर tax कटौती की भी मांग

नयी दिल्ली। निर्यातकों ने सरकार से अगले सप्ताह पेश होने वाले बजट में निर्यात संवर्द्धन की दिशा में जरूरी कदम उठाने का अनुरोध करते हुए कहा है कि कई उत्पादों पर सीमा शुल्क हटाने की भी जरूरत है। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) ने बजट से अपनी अपेक्षाओं का जिक्र करते हुए कहा है कि देश से बाहर जाने वाली खेप की संख्या बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जाने चाहिए। इसके साथ ही उसने प्लास्टिक से बने उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने की भी जरूरत बताई है। 

निर्यातकों के संगठन ने बजट में लॉजिस्टिक से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देने और एमएसएमई को समर्थन के लिए भागीदारियों एवं एलएलपी पर आयकर में कटौती की भी मांग की है। फियो के मुताबिक, मालवहन की लागत बढ़ने और वैश्विक पोत-परिवहन कंपनियों पर निर्भरता होने से निर्यात क्षेत्र गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है। 

महासंघ ने बड़ी भारतीय कंपनियों से वैश्विक स्तर की एक भारतीय पोत-परिवहन शृंखला तैयार करने का आह्वान किया है। फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, ‘‘निर्यातकों खासकर एमएसएमई के लिए विदेशी बाजार बड़ी चुनौती बने हुए हैं। अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए दोहरी कर कटौती योजना लाने की हमें जरूरत है जिसमें पांच लाख रुपये की आय सीमा रखी जाए।’’ 

टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज के चेयरमैन शारदा कुमार सर्राफ ने कहा कि निर्यात विपणन की मदद के लिए सरकार को निर्यात उत्पादन पर शुल्क और करों की वापसी (आरओडीटीईपी) योजना का दायरा बढ़ाना चाहिए। फिलहाल इसके लिए करीब 40,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटन है जो अपर्याप्त है। भारतीय प्लास्टिक निर्यात संवर्द्धन परिषद के चेयरमैन अरविंद गोयनका ने प्लास्टिक से बने उत्पादों पर लगने वाले आयात शुल्क को पॉलिमर की तुलना में कम-से-कम पांच फीसदी ज्यादा रखने का सुझाव दिया है।

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