Friday, March 29, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. आपके कटे बालों से कारोबारियों ने की मोटी कमाई, अब सरकार ने लिया यह फैसला

आपके कटे बालों से कारोबारियों ने की मोटी कमाई, अब सरकार ने लिया यह फैसला

सरकारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान बालों का निर्यात 14.42 लाख डॉलर रहा है, जबकि वर्ष 2020-21 में यह सिर्फ 1.52 करोड़ डॉलर रहा था।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: January 25, 2022 17:42 IST
Women Hair- India TV Paisa
Photo:PIXABAY

आपके कटे बालों से कारोबारियों ने की मोटी कमाई, अब सरकार ने लिया यह फैसला 

Highlights

  • चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान बालों का निर्यात 14.42 लाख डॉलर रहा
  • मानव बाल या कच्चे मानव बाल को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित श्रेणी में रखा
  • भारत में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु पश्चिम बंगाल उद्योग का प्रमुख केंद्र

नयी दिल्ली। भारतीय महिलाओं की पहचान उनके लंबे और घने बाल होते हैं। देश में महिलाएं अपने बालों की कद्र शायद न करें लेकिन विदेशों में इन बालों की अच्छी कीमत मिलती है। बालों के इस कारोबार का एक बड़ा हिस्सा तस्करों के हाथ में हैं। ऐसे में अब सरकार ने बालों के विदेशों में निर्यात पर अंकुश लगाने का फैसला किया है। 

आप अपने जो बाल मंदिरों में या ब्यूटी पार्लर में यूं ही पड़ा छोड़ आती हैं, उससे तस्कर करोड़ों डॉलर कमा लेते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान बालों का निर्यात 14.42 लाख डॉलर रहा है, जबकि वर्ष 2020-21 में यह सिर्फ 1.52 करोड़ डॉलर रहा था। 

सरकार द्वारा निर्यात पर अंकुश लगाए जाने पर बाल उद्योग ने कहा कि यह एक ऐसा कदम है जिससे इस उत्पाद की भारत से कथित तस्करी को रोकने में मदद मिलेगी। बालों के निर्यात की पहले बिना किसी अंकुश के अनुमति दी गई थी। लेकिन अब एक निर्यातक को वाणिज्य मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) से अनुमति या लाइसेंस लेना होगा। 

विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘मानव बाल की निर्यात नीति, चाहे उसको लेकर कोई काम न भी किया गया, चाहे उसे धोया गया हो या नहीं धोया गया हो, मानव बाल या किसी अन्य प्रकार के कच्चे मानव बाल को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है।’’ 

इस पहल का स्वागत करते हुए भारतीय बाल एवं बाल उत्पाद विनिर्माण एवं निर्यातक संघ के सदस्य सुनील ईमानी ने कहा कि यह उनकी लंबे समय से लंबित मांग थी। उन्होंने बार-बार आरोप लगाया है कि यह श्रम प्रधान उद्योग म्यामां और चीन जैसे देशों में कच्चे मानव बाल की तस्करी की एक अजीबोगरीब चुनौती का सामना कर रहा है, जिससे स्थानीय उद्योगों और निर्यात को नुकसान हो रहा है। 

उन्होंने कहा, ‘‘अब इस प्रतिबंध के साथ, केवल वास्तविक निर्यातक ही उत्पाद का निर्यात कर पाएंगे।" भारत में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु के अलावा पश्चिम बंगाल उद्योग का प्रमुख केंद्र है। भारत के प्रमुख प्रतियोगी चीन, कंबोडिया, वियतनाम और म्यामां हैं। 

कच्चे मानव बाल मुख्य रूप से इन राज्यों के घरों और मंदिरों से एकत्र किए जाते हैं और ये मुख्य रूप से विश्वस्तर पर सौंदर्य बाजार की जरूरतों को पूरा करते हैं। भारत में दो तरह के बाल एकत्र किए जाते हैं- रेमी और नॉन-रेमी बाल। रेमी बाल, सबसे अच्छा ग्रेड, मंदिरों से एकत्र किया जाता है जहां तीर्थयात्री धार्मिक व्रत के हिस्से के रूप में अपने बाल दान करते हैं। 

इस गुणवत्ता वाले बाल का उपयोग मुख्य रूप से हेयरपीस और विग बनाने के लिए किया जाता है। गैर-रेमी बाल गांवों और शहरों में लोगों के छोटे समूहों द्वारा एकत्र किया जाने वाला घरेलू कचरा है। वे उसे अलग करते हैं और डीलरों को बेचते हैं। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement