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श्रमिक संगठनों ने बजट से पहले होने वाली बैठक का किया बहिष्कार, वित्त मंत्रालय को लिखी चिठ्ठी में दी ये चेतावनी

अगले साल पेश होने वाले बजट को लेकर बैठक शुरू हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अलग-अलग राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक कर चुकी हैं। इसी बीच श्रमिक संगठनों ने बजट के ऑनलाइन बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है और वित्त मंत्रालय को एक चिठ्ठी भेजी है।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published : Nov 26, 2022 23:25 IST, Updated : Nov 26, 2022 23:29 IST
श्रमिक संगठनों ने बजट से पहले की बैठक का किया बहिष्कार- India TV Paisa
Photo:PTI श्रमिक संगठनों ने बजट से पहले की बैठक का किया बहिष्कार

Pre-Budget Meeting: अगले साल फरवरी में पेश होने वाले बजट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अभी से बैठक कर रही हैं। हाल ही में उन्होंने अलग-अलग राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक की थी, जिसमें उनके तरफ से कई मांगे उठाई गई थी। अब केंद्रीय श्रमिक संगठन ने वित्त मंत्री के साथ होने वाले ऑनलाइन बैठक का बहिष्कार कर दिया है और मंत्रालय को एक चिठ्ठी भेजी है।

इस वजह से बैठक का हुआ बहिष्कार

बता दें, यह बैठक 28 नवंबर को होनी है। दस श्रमिक संगठनों के इस मंच ने वित्त मंत्री के साथ आमने-सामने की बैठक करने और उन्हें अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त वक्त देने की मांग की है। बजट से पहले उस पर मंथन हर साल होने वाली प्रक्रिया है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि सुझाव देते हैं और बजट के लिए अपनी मांगें रखते हैं। 

क्या कहा गया है मंत्रालय को भेजी चिठ्ठी में

मंच ने शुक्रवार को वित्त मंत्रालय को भेजे एक पत्र में लिखा है, ‘‘इस संदर्भ में 25 नवंबर 2022 को भेजी गई ईमेल से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रत्येक केंद्रीय श्रमिक संगठनों को केवल तीन मिनट तक बोलने की अनुमति दी जाएगी। यह एक मजाक है और हम इस तरह के घटिया मजाक का हिस्सा बनने से इनकार करते हैं। हम 28 नवंबर 2022 को प्रस्तावित वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं होंगे।’’ 

पहले भी आ चुके हैं पत्र

इससे पहले शुक्रवार को भी इस मंच ने पत्र भेजकर वित्त मंत्रालय को कहा था, ‘‘कोविड संबंधी पाबंदियों में पूरी तरह से छूट मिलने के बावजूद इस बैठक को डिजिटल तरीके से बुलाने पर हम निराश हैं। उस पर भी 12 से अधिक श्रमिक संगठनों को विचार-विमर्श के लिए महज 75 मिनट का वक्त दिया गया है। इसका मतलब यह है कि प्रत्येक संगठन को अपनी बात रखने के लिए पांच मिनट से भी कम वक्त मिलेगा।’’

पर्याप्त समय की कर रहे मांग

मंच ने वित्त मंत्रालय से कहा कि वह प्रत्यक्ष बैठक करने पर फिर से विचार करे, जिसमें श्रमिक संगठनों को अपनी बात रखने का पर्याप्त समय दिया जाए। मंच में शामिल दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों में इंटक, एटक, टीयूसीसी, सेवा, एचएमएस, सीटू, एआईसीसीटीयू, एलपीएसफ, एटक और यूटीयूसी शामिल हैं। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) समेत देश में लगभग 12 केंद्रीय श्रमिक संगठन हैं। बीएमएस संयुक्त मंच का हिस्सा नहीं है। 

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