भारत में विनिर्माण क्षेत्र में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। उत्पादन और नए ठेकों में मजबूत वृद्धि के दम पर मार्च में भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 16 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। मौसमी रूप से समायोजित 'एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक' (पीएमआई) मार्च में बढ़कर 59.1 पर पहुंच गया जो फरवरी में 56.9 था।
50 के ऊपर पीएमआई वद्धि का संकेत
पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है। एचएसबीसी की अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा कि भारत का मार्च विनिर्माण पीएमआई 2008 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। विनिर्माण कंपनियों में मजबूत उत्पादन और नए ठेकों से नियुक्तियां बढ़ीं।
लगातार 33 महीने से बढ़ रहा पीएमआई
विनिर्माण उत्पादन मार्च में लगातार 33वें महीने बढ़ा। अक्टूबर 2020 के बाद से यह सर्वाधिक वृद्धि है। एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।
मार्च के जीएसटी में उछाल
बता दें, मार्च 2024 के जीएसटी कलेक्शन में भी सालाना आधार पर बड़ा उछाल देखने को मिला है। यह सालाना आधार पर 11.5 प्रतिशत बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये हो गया है। मार्च के जीएसटी कलेक्शन को मिला दिया जाए तो वित्त वर्ष में कुल 20.14 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी क्लेक्शन हुआ है। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11.7 प्रतिशत अधिक है। इस वित्त वर्ष में औसत मासिक जीएसटी संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।
(PTI के इनपुट के साथ)