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Green Crackers को लेकर बंगाल के व्यापारियों ने ये क्या कह दिया? जानें पूरा मामला

Green Crackers: कोविड-19 महामारी की वजह से पिछले दो साल में कारोबार के फीका रहने के बाद पश्चिम बंगाल में पटाखा कारोबारी इस बार दीपावली के मौके पर अच्छे व्यापार की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि अभी हरित पटाखों की मांग ने जोर नहीं पकड़ा है।

Edited By: India TV Business Desk
Published : Oct 23, 2022 18:51 IST, Updated : Oct 23, 2022 18:51 IST
हरित पटाखे को लेकर बंगाल के व्यापारियों ने ये क्या कहा- India TV Paisa
Photo:FILE हरित पटाखे को लेकर बंगाल के व्यापारियों ने ये क्या कहा

Highlights

  • बिक्री में कोई तेजी देखने को नहीं मिली
  • बाजार खुलने के बाद से लगभग 1,000 से 1,500 लोग रोजाना आ रहे
  • एजेंसियों द्वारा प्रमाणित हरित पटाखों की बिक्री

Green Crackers: कोविड-19 महामारी की वजह से पिछले दो साल में कारोबार के फीका रहने के बाद पश्चिम बंगाल में पटाखा कारोबारी इस बार दीपावली के मौके पर अच्छे व्यापार की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि अभी हरित पटाखों की मांग ने जोर नहीं पकड़ा है। 

बिक्री में कोई तेजी देखने को नहीं मिली

कोलकाता में बाजी बाजार आयोजन समिति के एक पदाधिकारी ने कहा कि केवल हरित पटाखों की अनुमति मिलने और इस साल काली पूजा के दौरान चक्रवात की चेतावनी समेत कई कारकों के कारण बिक्री में कोई तेजी देखने को नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि महामारी से पहले दीपावली के दौरान तल्लाह पार्क बाजी बाजार में रोजाना 2,000 से 2,500 लोग आते थे। 

1,000 से 1,500 लोग रोजाना आ रहे

वहीं इस साल 20 अक्टूबर को बाजार खुलने के बाद से लगभग 1,000 से 1,500 लोग रोजाना आ रहे हैं। तल्लाह पार्क ग्रीन बाजी बाजार के कोषाध्यक्ष सरोजित एवन ने कहा कि यहां करीब 44 स्टॉल लगाए गए हैं। प्रत्येक स्टॉल प्रतिदिन औसतन एक लाख रुपये की बिक्री दर्ज कर रहा है, जो 2018-19 में इस अवधि के दौरान दो लाख रुपये के दैनिक कारोबार से कम है। 

एजेंसियों द्वारा प्रमाणित हरित पटाखों की बिक्री

उन्होंने कहा, ‘‘हम केवल केंद्रीय एजेंसियों द्वारा प्रमाणित हरित पटाखों की बिक्री कर रहे हैं। लेकिन नेटवर्क की समस्या के कारण, क्यूआर कोड को स्कैन करने और उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित पत्र को डाउनलोड करने में समय लगता है। यह ग्राहकों को परेशान करता है क्योंकि उन्हें गैर हरित पटाखों को खरीदने के बारे में पुलिस के सवालों का सामना करना पड़ सकता है।’’

Green Crackers पड़ रहे मंहगे

एवन ने कहा कि हरित पटाखों की ऊंची कीमतों के कारण भी ग्राहक उसे खरीदने को लेकर सतर्क रहते हैं और यह पूरे बिक्री के आंकड़े में दिखाई देता है। इसके अलावा सारा बांग्ला आतसबाज़ी उन्नयन समिति के चेयरमैन बबला रॉय ने कहा, ‘‘शहर के तीन बाजी बाजारों में से किसी में भी उम्मीद के मुताबिक बिक्री नहीं हुई है।’ हालांकि सरकार के तरफ से ग्रीन पटाखों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कैंपेन चलाए जा रहे हैं। कुछ शहरों में जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है।

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