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भारत में कंपनियों के लिए मौजूदा टैक्स व्यवस्था कितनी सही? राजस्व सचिव से समझिए

राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि हमारे देश में कंपनियों के लिए मौजूदा टैक्सेशन की दर 22 प्रतिशत है। हमारे आकार की अर्थव्यवस्था को देखते हुए यह काफी उचित है।

Pawan Jayaswal Edited By: Pawan Jayaswal
Updated on: February 04, 2024 23:26 IST
कॉरपोरेट टैक्स- India TV Paisa
Photo:FILE कॉरपोरेट टैक्स

भारत में कंपनियों के लिए 22 फीसदी के साथ टैक्सेशन स्ट्रक्चर ‘काफी उपयुक्त’ है। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे आकार वाली अर्थव्यवस्था की दृष्टि से देखा जाए, तो यह टैक्सेशन उचित नजर आता है। यही वजह है कि नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए रियायती कर व्यवस्था, जो चार साल के लिए लागू की गई थी, उसे मार्च, 2024 से आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। मल्होत्रा ​​ने कहा कि अंतरिम बजट 2024-25 टैक्सेशन सिस्टम में निरंतरता प्रदान करता है और पिछले वर्षों में करदाताओं को दिए गए लाभ व्यक्तिगत आयकर में भारी उछाल के रूप में नतीजे दिखा रहे हैं।

करदाता सेवाओं पर सरकार दे रही ध्यान

उन्होंने कहा, ‘‘करदाता सेवाओं पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है। यह रुख आगे भी जारी रहेगा। इसके तहत इन्हें सुसंगत बनाना, सरलीकरण और विश्वास आधारित टैक्सेशन के साथ कम जांच और प्रौद्योगिकी जैसी चीजों पर ध्यान दिया जा रहा है। हमें उम्मीद है कि करदाता सेवाओं में सुधार जारी रहेगा और इससे हमें अनुपालन को बेहतर करने और टैक्स कलेक्शन दक्षता में सुधार करने में मदद मिलेगी।’’

रियायती कर व्यवस्था को आगे क्यों नहीं बढ़ाया गया?

यह पूछे जाने पर कि कंपनियों (कॉरपोरेट्स) के लिए रियायती कर व्यवस्था को 31 मार्च, 2024 से आगे क्यों नहीं बढ़ाया गया, मल्होत्रा ​​ने कहा कि यह योजना 2019 में शुरू की गई थी और कंपनियों को रियायती 15 प्रतिशत की टैक्स रेट का लाभ उठाने के लिए नई यूनिट्स स्थापित करने को लंबा समय दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘कंपनियों को चार साल का लंबा समय दिया गया था। यह वह समय है जब एक बड़ी कंपनी ने अवधारणा, योजना बनाने, धन जुटाने से लेकर जमीन पर काम किया। कोविड महामारी की वजह से इसे एक और साल के लिए 31 मार्च, 2024 तक बढ़ाया गया।’’

इकोनॉमी के साइज को देखते हुए सही है टैक्सेशन

मल्होत्रा ने कहा, ‘‘हमारे देश में कंपनियों के लिए मौजूदा टैक्सेशन की दर 22 प्रतिशत है। हमारे आकार की अर्थव्यवस्था को देखते हुए यह काफी उचित है। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए हमने तय किया कि इसकी तारीख आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है।’’ सरकार ने 2019 में घोषणा की थी कि एक अक्टूबर, 2019 को या उसके बाद मैन्युफैक्चरिंग में नया निवेश करने वाली किसी भी नई घरेलू कंपनी को 15 फीसदी की दर से आयकर का भुगतान करने का विकल्प होगा। इसके लिए शर्त यह थी कि उन्हें अपना उत्पादन 31 अक्टूबर, 2023 से पहले शुरू करना होगा। एक फरवरी, 2024 को पेश बजट में इसे बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 किया गया था।

इन्हें मिलता रहेगा फायदा

मल्होत्रा ​​ने कहा, ‘‘जो नई मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स 31 मार्च, 2024 से पहले अपना परिचालन शुरू करने में सक्षम हैं, उन्हें यह लाभ मिलता रहेगा।’’ सितंबर, 2019 में सरकार ने मौजूदा कंपनियों के लिए मूल कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी करने की घोषणा की थी। वहीं, एक अक्टूबर, 2019 के बाद गठित मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए टैक्स रेट को 25 से घटाकर 15 फीसदी कर दिया था। इन नई टैक्स रेट का लाभ उठाने की इच्छुक कंपनियों को सभी छूट और प्रोत्साहन छोड़ने होते हैं।

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