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Hindi News बिहार नए कृषि कानूनों के खिलाफ रैली निकाल रहे लोगों पर लाठीचार्ज, कई घायल

नए कृषि कानूनों के खिलाफ रैली निकाल रहे लोगों पर लाठीचार्ज, कई घायल

देशभर के कई हिस्सों में केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। दिल्ली के किसान आंदोलन का असर बिहार में भी दिखने लगा है। इन कानूनों के खिलाफ अलग-अलग जिलों से आए किसानों ने मंगलवार को राजभवन की ओर मार्च किया।

Farmers protesting against new farm laws lathicharged in Patna, several injured- India TV Hindi Image Source : PTI दिल्ली के किसान आंदोलन का असर बिहार में भी दिखने लगा है।

पटना: देशभर के कई हिस्सों में केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। दिल्ली के किसान आंदोलन का असर बिहार में भी दिखने लगा है। इन कानूनों के खिलाफ अलग-अलग जिलों से आए किसानों ने मंगलवार को राजभवन की ओर मार्च किया। राजभवन की ओर जा रहे प्रदर्शनकारियों पर मंगलवार को पुलिस ने बल प्रयोग किया जिसमें अनेक लोग घायल हो गए। कई किसान संगठनों के सदस्यों और वाम समर्थकों समेत हजारों लोगों ने फ्रेजर रोड की ओर रूख किया जिससे यातायात ठप पड़ गया। 

पुलिस के मुताबिक डाक बंगला क्रॉसिंग पर प्रदर्शनकारियों को रोकने के प्रयास किए गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इससे पहले, रैली शुरू होने के स्थान गांधी मैदान पर प्रदर्शनकारी, पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के बीच झड़पें हुईं थीं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने मैदान में केवल एक द्वार के रास्ते ही प्रवेश देने पर आपत्ति जताई थी। 

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सूत्रों ने कहा कि यह प्रतिबंध भगदड़ जैसे हालातों से बचने के लिए लगाया गया था लेकिन प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह उनकी आवाज दबाने का प्रयास है। पुलिस ने बताया कि बाद में प्रदर्शनकारी करीब डेढ़ किमी दूरी पर स्थित डाक बंगला क्रॉसिंग पर पहुंच गए जहां मौजूद अधिकारियों ने उन्हें बताया कि यहां से आगे उनके मार्च की इजाजत नहीं दी जाएगी। 

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इस पर प्रदर्शनकारी राजभवन जाने पर अड़ गए तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया। उन्होंने बताया कि इसमें घायल व्यक्तियों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहीं नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इनकी संख्या हजारों में है।

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किसानों और किसान संगठनों को डर सता रहा है कि नए कानून की वजह से कृषि क्षेत्र में निजी कंपनियों का प्रभाव बढ़ जाएगा और उनकी (किसान) आमदनी कम हो जाएगी। सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन ये बैठकें बेनतीजा रहीं। सरकार नए कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने में फिलहाल विफल रही है। अगले दौर की बातचीत के लिए 40 किसान संगठनों के नेताओं को 30 दिसंबर को बुलाया गया है।