A
Hindi News बिहार 'नीतीश कुमार में दम है तो...', लालू-तेजस्वी के 'भ्रष्टाचार' पर CM को प्रशांत किशोर का चैलेंज

'नीतीश कुमार में दम है तो...', लालू-तेजस्वी के 'भ्रष्टाचार' पर CM को प्रशांत किशोर का चैलेंज

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उनमें दम है तो कह दें कि लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हैं।

Prashant Kishor, Lalu Yadav, Nitish Kumar, Tejashwi Yadav- India TV Hindi Image Source : FILE प्रशांत किशोर।

समस्तीपुर: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा है कि यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में दम है तो वह कह दें कि लालू यादव, तेजस्वी यादव और उनके परिवार के लोग भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश बोल दें कि उन पर की जा रही कार्रवाई सिर्फ राजनीतिक प्रतिशोध है और इसी के तहत उनको परेशान किया जा रहा है। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार को साफगोई से ये कहना चाहिए कि ये हमारे सहयोगी हैं और इन पर भ्रष्टाचार के जो सारे आरोप हैं, वो निराधार हैं।

‘जैसे RJD के लोग कह रहे, वैसे नीतीश कुमार सिर्फ कह दें’
प्रशांत किशोर ने कहा कि RJD के लोग जैसे चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे हैं कि हम लोग बिल्कुल भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हैं, वैसे ही नीतीश कुमार को भी ये कहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार को RJD और तेजस्वी यादव से कोई प्रेम नहीं है। वह महागठबंधन में दो कारणों से है, पहला कि अगर 2024 में बीजेपी जीतकर आएगी, तो सबसे पहले इनको हटाएगी और अपना सीएम बनाएगी। नवंबर 2025 तक सीएम बने रहने के लिए इन्होंने महागठबंधन बनाया। दूसरा कि वह जानते हैं कि 2025 के बाद वह सीएम नहीं रहेंगे, इसलिए वह चाहते हैं कि आने वाली सरकार आज से बदतर हो, ताकि लोग इनकी सरकार को अच्छा कहें।’


नीतीश पर लगातार निशाना साध रहे हैं प्रशांत किशोर
बता दें कि प्रशांत किशोर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। इससे पहले जातीय जनगणना के मुद्दे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था,  ‘जातीय जनगणना राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आती ही नहीं है। इन नेताओं को कोई जातीय जनगणना नहीं करवानी है। बिहार की जनता खुद सोच कर देखे कि नीतीश कुमार इतने लंबे समय से मुख्यमंत्री हैं, इसके बाद भी उन्होंने आज तक जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाई? RJD की सरकार थी, लालू यादव खुद 15 साल सरकार में थे, क्यों नहीं करवाई जातीय जनगणना? अब इलेक्शन आने वाला है और कुछ होता हुआ दिख नहीं रहा है तो बाप-बाप कर रहे हैं।’