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केवी कामत बने ब्रिक्स बैंक के पहले CEO

नई दिल्ली: केवी कामत ब्रिक्स बैंक के पहले CEO होंगे। सोमवार को वि‍त्‍त मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की। वित्त सचिव राजीव महर्षि ने बताया कि 50 अरब डॉलर की शुरुआती पूंजी वाले ब्रि‍क्‍स बैंक के प्रमुख

कामत के हाथ ब्रिक्स...- India TV Hindi कामत के हाथ ब्रिक्स बैंक की कमान, बनेगे पहले CEO

नई दिल्ली: केवी कामत ब्रिक्स बैंक के पहले CEO होंगे। सोमवार को वि‍त्‍त मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की। वित्त सचिव राजीव महर्षि ने बताया कि 50 अरब डॉलर की शुरुआती पूंजी वाले ब्रि‍क्‍स बैंक के प्रमुख के तौर पर केवी कामत 5 साल तक कार्यरत रहेंगे। इसका मुख्याल चीन के शांघाई शहर में होगा। यह बैंक एक साल के भीतर काम करना शुरू कर देगा।

ब्रिक्स देशों ने पिछले साल नव विकास बैंक स्थापित करने पर समझौता किया था।  समझौते के मुताबिक भारत को इस बैंक का पहला अध्यक्ष नियुक्त करने का अधिकार मिला था

क्‍या है ब्रिक्स और उसका मकसद

ब्रिक्स विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं वाले विकासशील देशों- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (BRICS) का संगठन है। दक्षिण अफ्रीका वर्ष 2010 में इस समूह में शामिल हुआ। इससे पहले इस समूह को ब्रिक के नाम से जाना जाता था। ब्रिक देशों की पहली आधिकारिक बैठक 16 जून 2009 को रूस के येकेटिनबर्ग में हुई थी। ब्रिक्स का उद्देश्य शांति, सुरक्षा, विकास और सहयोग प्राप्त करना है। ब्रिक्स विश्व में मानवता के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ ही एक अधिक न्यायसंगत और निष्पक्ष विश्व की स्थापना करना चाहता है।

यह बैंक ठीक उसी तरह काम करेगा, जिस तरह वर्ल्ड बैंक और अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) काम करते हैं लेकिन इन दोनों बैंकों पर पश्चिमी देशों का ही प्रभाव रहता है। विकासशील देशों का इन बैंकों में कोई खास प्रभुत्‍व नहीं रहा है। हालांकि, एशिया के विकास के लिए एशियाई डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) भी बनाया गया लेकिन इस पर भी आईएमएफ का दबदबा रहा है। विकासशील देशों में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलपमेंट और अन्‍य जरूरतों की फंडिंग के लिए ब्रिक्स देशों ने मिलकर न्‍यू डेवलपमेंट बैंक यानी ब्रिक्‍स बैंक की नींव रखी है।

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