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भारत में शायद ही विदेशी निवेश हो : चीनी दैनिक

बीजिंग: चीन के एक अग्रणी अंग्रेजी समाचार पत्र ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवेश के प्रयत्नों व बड़े-बड़े वादों को दरकिनार कर कहा कि इस बात के कम ही प्रमाण हैं कि भारत

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बीजिंग: चीन के एक अग्रणी अंग्रेजी समाचार पत्र ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निवेश के प्रयत्नों व बड़े-बड़े वादों को दरकिनार कर कहा कि इस बात के कम ही प्रमाण हैं कि भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) हो रहा है। मोदी का आधिकारिक चीन दौरा समाप्त होने के दो दिन बाद ही चीन के अंग्रेजी समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने कहा, "फिलहाल, निजी उद्यमों से भारत में विदेशी निवेश के कम ही प्रमाण मिले हैं।"

समाचार पत्र के मुताबिक, "यदि कोई देश भारत में निवेश को प्रोत्साहित करने की कोशिश करता है तो ज्यादातर कार्यक्रम सरकार के नेतृत्व में होंगे, जो अधिकतर निजी क्षेत्र को पसंद नहीं आएंगे।"

समाचार पत्र ने भारत की आदर्श भौगोलिक स्थिति की वजह से पसंदीदा राजनयिक माहौल का लाभ उठाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारत सरकार निवेशकों को यहां कारोबार करने के लिए कितना भी प्रोत्साहित कर ले, लेकिन देश की मौजूदा स्थिति इससे काफी अलग है।

इसके संदर्भ में कहा गया, "भारत में बहुत जल्दी-जल्दी बिजली गुल होती है। यहां बेहतर सड़कों और परिवहन के लिए बंदरगाहों की खासी कमी है। यहां श्रमिक समय-समय पर हड़ताल करते हैं। इस तरह के परिदृश्य के साथ निवेश को आकर्षित करना बहुत बड़ी समस्या होगी।"

समचार पत्र में छपे लेख के मुताबिक, मोदी सरकार ने निवेशकों के लिए काफी कदम उठाए हैं, जिनमें विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) की स्थापना, कर मुक्त क्षेत्र, मुक्त व्यापार क्षेत्र शामिल हैं, लेकिन इनमें से कई कदमों का देश की राज्य सरकारें ही विरोध कर रही हैं।