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नया नोट- नया डिजायन- नए साइन

नई दिल्ली: महात्मा गांधी की छाप वाला नोट तमाम खासियतों को सहेजे होता है। यह सिर्फ RBI की प्रिंटिंग, नोट के दो तरफ छपे नंबर और महात्मा गांधी के ठीक पीछे वाली पट्टी पर ध्यान

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नई दिल्ली: महात्मा गांधी की छाप वाला नोट तमाम खासियतों को सहेजे होता है। यह सिर्फ RBI की प्रिंटिंग, नोट के दो तरफ छपे नंबर और महात्मा गांधी के ठीक पीछे वाली पट्टी पर ध्यान से देखने पर उभरने वाली मुद्रा की संख्या का नंबर ही काफी नहीं होता, इस नोट में तमाम ऐसी चीजे होती हैं जो आसानी से पकड़ में नहीं आती। अगर आपसे कोई कहे कि नोटों की सीरीज वाले नंबर में भी एक विशेष क्रम होता है मसलन अभी तक बनने वाले सभी नोटों में छपने वाले डिजिट एक ही आकार के होते हैं। लेकिन अगर कल कोई आपको एक ऐसा नोट थमा दे जिसमें सभी डिजिट अलग अलग आकार के हो तो उस नोट को नकली और नोट देने वाले को नक्काल समझने की भूल न करिएगा। RBI ने हालही में नोट में छपने वाले इन डिजिटों में बड़ा बदलाव करने की योजना बनाई है इसके लिए केंद्रीय बैंक ने साल 2005 के सीरीज वाली 100 की गड्डी का एक नोट जारी किया है जिसमें डिजिट का प्रतिरूप नया है।

अब तक कैसा था नोट-
100 के नोट में सीरीज के नंबर लाल रंग में एक समान होते थे, यानी की सबका आकार एक ही होता था। नंबर सीरीज बाईं ओर नीचे की तरफ और दाईं ओर ऊपर की तरफ दिया होता है।

ऐसा होगा नया नोट-
इस नए नोट में सीरीज का हर नंबर अलग अलग आकार में होगा अगर साफ साफ शब्दों में कहें तो अब नोट में छपे सभी नंबर बढ़ते हुए क्रम में होंगे। नए नोट में खास बात यह है कि इसमें गवर्नर रघुराम राजन के हस्ताक्षर भी होंगे।

क्यों किया गया बदलाव-
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने यह बदलाव सुरक्षा के लिहाज से किया है। ताकि आम लोग सही और नकली नोट में आसानी से फर्क कर सके।    

क्या है नोट में नया-
रिजर्व बैंक ने महात्मा गांधी श्रृंखला-2005 में 100 रुपए के बैंक नोट जारी किया है जिसमें संख्या प्रतिरूप नया है। केंद्रीय बैंक ने एक विग्यप्ति में कहा कि अब इन बैंक नोटों के दोनों नंबर पैनलों में संख्या बायें से दायें बढ़ते हुए आकार में होंगे। इसमें शुरू के तीन अक्षर और अंक अल्फान्यूमेरिक आकार में एक समान होंगे। रिजर्व बैंक के अनुसार संख्या को बढ़ते हुए क्रम में देना सुरक्षा विशेषता है ताकि आम लोग सही और नकली नोट में आसानी से फर्क कर सके।