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Hindi News क्राइम Delhi News: कारोबार में पार्टनर बनाने के नाम पर लगाया था 8 करोड़ का चूना, घर से दबोचा गया आरोपी

Delhi News: कारोबार में पार्टनर बनाने के नाम पर लगाया था 8 करोड़ का चूना, घर से दबोचा गया आरोपी

Delhi News: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने कार्गो कारोबार में सहयोगी बनाने के नाम पर लोगों से आठ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

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Highlights

  • आरोपी एयरलाइंस और कार्गो क्षेत्र में काम करता है: अधिकारी
  • "आरोपी को गुरुग्राम के एक शानदार अपार्टमेंट से अरेस्ट किया गया"
  • "कंपनी की तरफ से कोई समझौता करने के लिए अधिकृत नहीं था आरोपी"

Delhi News: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने कार्गो कारोबार में सहयोगी बनाने के नाम पर लोगों से आठ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि बालकृष्णन शिवराम अय्यर को हरियाणा में गुरुग्राम के एक शानदार अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि अय्यर बैंगलुरु स्थित एक प्रतिष्ठित कॉलेज से व्यवसाय प्रशासन में स्नातक हैं और एयरलाइंस और कार्गो क्षेत्र में काम करता है। 

व्यवसायिक पार्टनर बनाने का झांसे देकर की ठगी

पुलिस ने कहा कि मामला तब सामने आया जब शिकायतकर्ता एम आर प्रकाश और पांच अन्य लोगों ने आरोप लगाया कि अय्यर ने उन्हें बताया कि वह भगवती एयरवेज एक्सप्रेस लिमिटेड में एक कार्यकारी निदेशक है। पुलिस के मुताबिक, उसने शिकायकर्ताओं को मुंबई, चेन्नई और कोयंबटूर क्षेत्रों में व्यावसायिक सहयोगी (कार्गो सेक्टर में) बनाने के लिए उनके साथ फ्रेंचाइजी समझौते किए।

'केवल कंपनी का कर्मचारी था आरोपी'

पुलिस ने बताया, ‘‘अय्यर ने उन्हें व्यवसायिक सहयोगी बनाने के लिए उनसे आठ करोड़ रुपये की राशि नकद में ली। हालांकि वह कंपनी की ओर से कोई समझौता करने के लिए अधिकृत नहीं था। वह केवल कथित कंपनी का कर्मचारी था।” उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच के बाद मामला दर्ज किया और छानबीन शुरू कर दी गई। 

अपराध शाखा के विशेष पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंह यादव ने कहा कि भगवती एयरवेज एक्सप्रेस लिमिटेड के रिकॉर्ड एकत्र किए गए और यह पता चला कि दिनेश कुमार दिग्गा और रूप कुमार बाहेती कंपनी के निदेशक हैं। उन्होंने कहा,“कंपनी के निदेशकों के बयान दर्ज किए गए और यह पाया गया कि आरोपी अय्यर को कंपनी द्वारा शिकायतकर्ताओं के साथ कोई भी समझौता करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया था।” 

लंबे समय से फरार था आरोपी 

अधिकारी ने बताया कि आरोपी लंबे समय से फरार था। तकनीकी निगरानी से पता चला है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए वह सिक्किम, कोलकाता, दार्जिलिंग, नगालैंड, असम, चेन्नई और कोयंबटूर गया। यादव ने बताया “उस पर लगातार नजर रखी जा रही थी। 14 अक्टूबर को, जब अय्यर ने गुप्त रूप से गुरुग्राम पहुंचा, तो उन्हें ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने पुरी एमराल्ड सोसाइटी में उसे उसके आवास से पकड़ लिया।”

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