A
Hindi News क्राइम Crime News: मुंबई के एक व्यक्ति को नाबालिग के अपहरण, रेप और हत्या के केस में फांसी की सजा

Crime News: मुंबई के एक व्यक्ति को नाबालिग के अपहरण, रेप और हत्या के केस में फांसी की सजा

पुलिस के मुताबिक, CCTV फुटेज और अन्य सबूतों को देखने से हत्या में देवेंद्र के शामिल होने की पुष्टि हुई।

Mumbai Rape, Saki Naka Rape, Mumbai Rape death penalty, Saki Naka Rape death penalty- India TV Hindi Image Source : PIXABAY Mumbai court awards convict death penalty for rape and murder.

Highlights

  • शख्स पर 2019 में 9 साल की एक बच्ची की किडनैपिंग, रेप और हत्या का आरोप था।
  • विले पार्ले स्थित घर से अप्रैल 2019 में 9 साल की एक लड़की लापता हो गई थी।
  • साकीनाका रेप केस में भी कोर्ट ने एक आरोपी को मौत की सजा सुनाई थी।

Crime News: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की एक स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने शुक्रवार को 33 वर्षीय एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई। वदिवेल देवेंद्र नाम के इस शख्स पर 2019 में 9 साल की एक बच्ची की किडनैपिंग, रेप और हत्या का आरोप था। जज एचसी शिंदे ने आदेश में कहा कि वदिवेल देवेंद्र को मृत्यदंड इसलिए दिया गया है क्योंकि इस व्यक्ति में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। विले पार्ले स्थित घर से अप्रैल 2019 में 9 साल की एक लड़की लापता हो गई थी। कुछ घंटों बाद उसकी लाश एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुई थी।

पहले भी घिनौनी हरकत कर चुका था शख्स
पुलिस के मुताबिक, CCTV फुटेज और अन्य सबूतों को देखने से हत्या में देवेंद्र के शामिल होने की पुष्टि हुई। अदालत ने आरोपी को ‘यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण’ (POCSO) अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दोषी करार दिया। बच्ची के साथ दरिंदगी करने से 8 महीने पहले ही देवेंद्र जेल से छूटा था। उसने 2013 में उसी क्षेत्र में एक नाबालिग का यौन उत्पीड़न किया था जिसके लिए उसे 7 साल जेल की सजा मिली थी, लेकिन 5 साल बाद उसे रिहा कर दिया गया था।

देवेंद्र के वकील ने कहा- मामला दुर्लभतम नहीं
सजा की अवधि पर बहस करते हुए विशेष लोक अभियोजक वैभव बागड़े ने गुरुवार को कहा था कि आरोपी ने एक बार फिर अपराध को दोहराया है जिससे पता चलता है कि उसमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। बचाव पक्ष की वकील सुनंदा नंदवार ने दलील दी थी कि देवेंद्र के खिलाफ सीधे तौर पर कोई सबूत मौजूद नहीं है और यह मामला दुर्लभ से भी दुर्लभतम की श्रेणी में नहीं आता इसलिए फांसी की सजा नहीं दी जानी चाहि।

कल भी दूसरे केस में एक दोषी को हुई थी फांसी
इससे पहले एक अदालत ने मुंबई के साकीनाका इलाके में सितंबर 2021 में 34 वर्षीय महिला के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के लिए गुरुवार को 45 साल के दोषी व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई थी। इस अपराध को तड़के एक खड़े टेम्पो के अंदर अंजाम दिया गया था। इस वारदात ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया था और क्रूरता के कारण 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले की यादों को ताजा कर दिया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (डिंडोशी) एचसी शेंडे ने 30 मई को आरोपी मोहन कथवारू चौहान को आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 376 (बलात्कार) के साथ-साथ SC/ST ऐक्ट के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया था।

‘पीड़िता पर लोहे की रॉड से किया था हमला’
अभियोजन पक्ष ने बुधवार को चौहान के लिए मौत की सजा की मांग की थी, जिसने मारपीट के दौरान पीड़िता पर लोहे की रॉड से भी हमला किया था। जज ने सजा सुनाते हुए कहा, ‘मौजूदा मामला दुर्लभ में दुर्लभतम मामलों की श्रेणी में आता है।’ अदालत ने अभियोजन पक्ष के इस तर्क पर ध्यान दिया कि आरोपी ने महिला को घातक रूप से घायल कर दिया था और उसके बचने का कोई मौका नहीं छोड़ा क्योंकि उसकी आंतें इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थीं कि उसका पाचन तंत्र नष्ट हो गया था।
 
10 सितंबर को हुई थी यह खौफनाक वारदात
पूरे मुंबई को दहला देने वाली यह खौफनाक वारदात 10 सितंबर, 2021 को हुई थी। एक दिन बाद नगर निगम द्वारा संचालित राजावाड़ी अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। पुलिस ने अपराध के चंद घंटों के भीतर ही चौहान को गिरफ्तार कर लिया और 18 दिन के भीतर मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष अभियोजक राजा ठाकरे, अधिवक्ता मुले के साथ पेश हुए।

Latest Crime News