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Hindi News दिल्ली दिल्ली का AIIMS बना कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट, 479 पॉजिटिव मामले मिले

दिल्ली का AIIMS बना कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट, 479 पॉजिटिव मामले मिले

दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,359 नए मामले सामने आए, जिसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमितों का आंकड़ा 25 हजार के पार चला गया। वहीं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कोरोना वायरस संक्रमण का एक 'हॉटस्पॉट' बन गया है।

479 healthcare workers at AIIMS Delhi infected with COVID-19- India TV Hindi Image Source : PTI 479 healthcare workers at AIIMS Delhi infected with COVID-19

नई दिल्ली: दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,359 नए मामले सामने आए, जिसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमितों का आंकड़ा 25 हजार के पार चला गया। वहीं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कोरोना वायरस संक्रमण का एक 'हॉटस्पॉट' बन गया है। यहां 479 लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, जिनमें कर्मचारी और उनके संबंधी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार 30 मई को कुल 479 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। सूत्र ने कहा, इनमें दो फैकल्टी मेंबर, 17 रेजिडेंट डॉक्टर, 38 नर्सिग स्टाफ, 74 सुरक्षा कर्मचारी और 54 स्वच्छता कर्मचारी शामिल हैं।

इनमें 14 लैब, एक्स-रे और अन्य तकनीकी कर्मचारी भी शामिल हैं, जबकि अन्य आश्रित यानी जो अस्पताल के कर्मचारियों के परिवार या उनसे संबंधित लोग हैं, उनकी संख्या 193 है। सूत्रों ने यह भी बताया कि एम्स ने अपना परीक्षण बढ़ा दिया है। उनने अनुसार एम्स ने अब वार्डों में प्रवेश से पहले और ओटी से पहले अधिकांश रोगियों का परीक्षण शुरू कर दिया है।

एक नया रैपिड परीक्षण, जिसे सीबीएनएएटी कहा जाता है और जो दो घंटे में परिणाम देता है, अब एम्स में उपलब्ध है। इससे अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मचारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। पिछले महीने और इससे पहले बहुत कम रोगियों को लक्षणों के साथ परीक्षण किया गया है। वार्डों में कई रोगियों को लक्षणों को देखते हुए पॉजिटिव पाया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षण के लिए नई मशीन आपातकालीन विभाग के लिए भी उपलब्ध है, ताकि आपातकालीन रोगियों का परीक्षण किया जा सके। सूत्र ने कहा कि इस बात की बहुत संभावना है कि यह संख्या इसलिए है, क्योंकि एम्स के पास अपने कर्मचारियों के लिए संसाधन और देखभाल के संसाधन है और इसके परीक्षण को बढ़ाने में भी यह सक्षम है। सूत्र ने यह भी कहा कि विभिन्न प्रकार के मास्क भी उपलब्ध कराए जाने चाहिए।

एम्स में 25 मई को ओपीडी में तैनात एक वरिष्ठ स्वच्छता पर्यवेक्षक राजकुमारी अमृत कौर की कोविड-19 से मृत्यु हो गई थी। इसके अलावा 22 मई को इस बीमारी के कारण एम्स की एक रसोई में काम करने वाले (मेस वर्कर) की भी जान चली गई थी।

एम्स में संक्रमण इस कदर फैल रहा है कि अब जांच के लिए लंबी लंबी लाइन लगनी शुरू हो गई है। औसतन हर रोज एक सौ से ज्यादा स्टाफ और उनके परिजन जांच के लिए पहुंच रहे हैं। स्थिति यह है कि जांच के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि कोविड का संक्रमण एम्स स्टाफ के आयुर्विज्ञान नगर के रेजिडेंशल कैंपस तक पहुंच गया है।