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Hindi News दिल्ली Arvind Kejriwal: केजरीवाल ने की मेक इंडिया नंबर वन मिशन की शुरुआत, बोले- हर देशवासी हमारे लिए अहम

Arvind Kejriwal: केजरीवाल ने की मेक इंडिया नंबर वन मिशन की शुरुआत, बोले- हर देशवासी हमारे लिए अहम

Arvind Kejriwal: केजरीवाल ने कहा कि आजादी के 75 साल हो चुके हैं। इन 75 वर्षों में हमने बहुत कुछ हासिल किया, भारत ने बहुत कुछ हासिल किया लेकिन लोगों में गुस्सा है, एक सवाल है कि हमारे बाद आजादी पाने वाले कई छोटे राष्ट्र हमसे आगे निकल गए, भारत क्यों पिछड़ गया?

Delhi CM Arvind Kejriwal- India TV Hindi Image Source : PTI Delhi CM Arvind Kejriwal

Highlights

  • "देश अमीर तब बनेगा, जब हर भारतवासी अमीर बनेगा"
  • देश के हर एक कोने में हॉस्पिटल और स्कूल की व्यवस्था होनी चाहिए
  • युवाओं को रोजगार देना और महिलाओं को समान अधिकार देना जरूरी है।

Arvind Kejriwal: राजधानी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि देश के हर बच्चे के लिए शिक्षा जरूरी है। शिक्षा से हर परिवार अमीर बनेगा। देशवासियों के लिए मुफ्त इलाज जरूरी है। भारत का हर नागरिक हमारे लिए अहम है। देश के हर एक कोने में हॉस्पिटल और स्कूल की व्यवस्था होनी चाहिए। 

केजरीवाल ने कहा कि आजादी के 75 साल हो चुके हैं। इन 75 वर्षों में हमने बहुत कुछ हासिल किया, भारत ने बहुत कुछ हासिल किया लेकिन लोगों में गुस्सा है, एक सवाल है कि हमारे बाद आजादी पाने वाले कई छोटे राष्ट्र हमसे आगे निकल गए, भारत क्यों पिछड़ गया? हर नागरिक यही पूछ रहा है।

"देश अमीर तब बनेगा, जब हर भारतवासी अमीर बनेगा"

केजरीवाल ने कहा कि उनका एक ही सपना है कि वह भारत को दुनिया का नंबर वन देश देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि देश अमीर तब बनेगा, जब हर भारतवासी अमीर बनेगा। ऐसा तो नहीं हो सकता है कि भारत अमीर देश बन गया और भारत के लोग गरीब रह गए। भारत को अमीर देश बनाने के लिए हर भारतवासी को अमीर बनाना पड़ेगा। भारत को दुनिया में नंबर एक बनाने के लिए स्कूल, अस्पताल खोलना, युवाओं को रोजगार देना और महिलाओं को समान अधिकार देना जरूरी है।

सरकारी स्कूलों में 17 करोड़ बच्चे

अरविंद केजरीवाल ने अपने बर्थडे के मौके पर मंगलवार को कहा था कि देश में 17 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। इनमें से कुछ चंद स्कूलों को छोड़ दें, जो अच्छे हैं, तो पूरे देश में अधिकतर सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल है। इन 17 करोड़ बच्चों का भविष्य अंधरे में है। पैसे न होने से वह बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजते हैं और वहां बच्चों की पढ़ाई नहीं है, तो यह बच्चे भी बड़े होकर गरीब ही रह जाएंगे। सरकारी स्कूलों को दिल्ली के जैसे बहुत शानदार बनाने से यह समस्या हल हो सकती है। अगर हम सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अपने इन 17 करोड़ बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी शुरू कर दें, तो भारत को अमीर देश बना सकते हैं।