A
Hindi News दिल्ली डीडीएमए ने राष्ट्रीय राजधानी में साप्ताहिक बाजारों के लिए एसओपी जारी की

डीडीएमए ने राष्ट्रीय राजधानी में साप्ताहिक बाजारों के लिए एसओपी जारी की

दिल्ली सरकार ने रविवार को कहा कि निषिद्ध क्षेत्रों से बाहर स्थित साप्ताहिक बाजारों को एक हफ्ते के लिए शाम चार बजे से रात 10 बजे के बीच खोलने की अनुमति दी जाएगी।

डीडीएमए ने राष्ट्रीय राजधानी में साप्ताहिक बाजारों के लिए एसओपी जारी की - India TV Hindi Image Source : PTI/REPRESENTATIONAL IMAGE डीडीएमए ने राष्ट्रीय राजधानी में साप्ताहिक बाजारों के लिए एसओपी जारी की 

नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार ने रविवार को कहा कि निषिद्ध क्षेत्रों से बाहर स्थित साप्ताहिक बाजारों को एक हफ्ते के लिए शाम चार बजे से रात 10 बजे के बीच खोलने की अनुमति दी जाएगी। साप्ताहिक बाजारों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने वाले दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने कहा कि साप्ताहिक बाजारों में सिर्फ उन ग्राहकों को आने की अनुमति होगी जिन्हें बीमारी का कोई लक्षण नहीं होगा।

एसओपी के मुताबिक, गर्भवती महिलाएं, 10 साल से कम उम्र के बच्चे, 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को घर में रहने की सलाह दी गई है। इसमें कहा गया है, “ निषिद्ध क्षेत्रों में साप्ताहिक बाजार बंद रहेंगे। निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर स्थित साप्ताहिक बाजारों को ही डीडीएमए के आदेश के तहत शाम चार बजे से रात 10 बजे तक खुलने की इजाजत होगी।”

एसओपी के अनुसार स्टॉल मालिकों और ग्राहकों के बीच कम से कम छह फुट की शारीरिक दूरी होनी चाहिए और वे मास्क लगाएं तथा सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही थूकने पर सख्ती से रोक रहेगी और बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने पर भी पाबंदी है। डीडीएमए के आदेश में कहा गया है, “ दो स्टॉल को मिलाने की इजाजत नहीं होगी। एक स्टॉल को चलाने के लिए दो से अधिक लोगों की इजाजत नहीं होगी।”

इसमें कहा गया है कि दो स्टॉल के बीच कम से कम छह फुट की दूरी होनी चाहिए और एक वक्त में दो से अधिक ग्राहक नहीं होने चाहिए। डीडीएमए ने कहा, “ संबंधित स्थानीय प्राधिकरणों के संबंधित क्षेत्रीय उपायुक्त प्रत्येक दिन के लिए उन साप्ताहिक बाजारों का चयन करेंगे जो खोले जाएंगे और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि केवल ऐसे साप्ताहिक बाजारों को खोला जाए जहां इस एसओपी को अक्षरशः लागू किया जा सके।”