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Hindi News दिल्ली Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पहुंची, आनंद विहार का AQI लेवल 422

Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पहुंची, आनंद विहार का AQI लेवल 422

राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता में गिरावट जारी है। सर्दियों के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या गहराने लगी है। आस-पास के राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार प्रदूषित हो रही है। जहरीले धुंध की परत छाने के बीच वायु की गुणवत्ता शुक्रवार को 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई।

Delhi Air Pollution- India TV Hindi Image Source : PTI (REPRESENTATIONAL IMAGE) Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में पहुंची, आनंद विहार का AQI लेवल 422

दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता में गिरावट जारी है। सर्दियों के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या गहराने लगी है। आस-पास के राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली-एनसीआर की हवा लगातार प्रदूषित हो रही है। जहरीले धुंध की परत छाने के बीच वायु की गुणवत्ता शुक्रवार को 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार सुबह आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 422, आरकेपुरम में 407, द्वारका में 421, सेक्टर 8 और बवाना में 430, सभी 'गंभीर श्रेणी' में दर्ज किया गया। उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के हवा गुणवत्ता निगरानी केंद्र सफर ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने की घटनाओं में वृद्धि हुई और यह संख्या बुधवार को 4,135 थी, जो कि इस मौसम में सबसे ज्यादा है। विशेषज्ञों ने बताया कि हवा की गति कम रहने, तापमान में गिरावट जैसी मौसम की प्रतिकूल स्थिति और पड़ोसी राज्यों से पराली जलने का धुआं आने से बुधवार रात वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा।

दिल्ली-एनसीआर में कई लोगों द्वारा करवाचौथ त्यौहार पर पटाखे फोड़े जाने को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। सर गंगा राम अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि प्रदूषित हवा में सांस के रूप में 22 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर का शरीर में जाना एक सिगरेट पीने के बराबर है। राजीव गांधी सुपर स्पेशियेलियी अस्पताल के कोविड-19 नोडल अधिकारी अजीत जैन ने बताया कि वायु प्रदूषण महामारी को और खतरनाक बना रहा है।