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Hindi News दिल्ली Delhi High Court: UGC से पैसे मांगने पर दिल्ली हाईकोर्ट की जामिया मिलिया इस्लामिया को कड़ी नसीहत, कहा- 'अपनी संपत्ति बेच कर करें भुगतान'

Delhi High Court: UGC से पैसे मांगने पर दिल्ली हाईकोर्ट की जामिया मिलिया इस्लामिया को कड़ी नसीहत, कहा- 'अपनी संपत्ति बेच कर करें भुगतान'

Delhi High Court: हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया कि उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि UGC को सरोजिनी नायडू महिला अध्ययन केंद्र के लिए फंड जारी करने का निर्देश देने की मांग की थी।

Delhi High Court- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Delhi High Court

Highlights

  • दिल्ली हाईकोर्ट की जामिया विश्व विद्यालय को कड़ी नसीहत
  • जामिया ने यूजीसी से फंड के लिए किया था आवेदन
  • शिक्षक के वेतन रोके जाने से नाराजा हाईकोर्ट

Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से जामिया मिलिया इस्लामिया को कड़ी फटकार मिली है। दरअसल, हाईकोर्ट ने जामिया मिलिया इस्लामिया कि उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि UGC को सरोजिनी नायडू महिला अध्ययन केंद्र के लिए फंड जारी करने का निर्देश देने की मांग की थी। अदलात ने इस याचिका को खारिज करते हुए साफ शब्दों में जामिया मिलिया इस्लामिया से कहा कि वह यूजीसी से फंड प्राप्त करने के लिए अदालत को अपनी ढाल नहीं बना सकता है।

यह मौखिक आदेश अदालत ने सरोजिनी नायडू महिला अध्ययन केंद्र की निदेशक के रूप में कार्यरत एक प्रोफेसर की ओर से अपने वेतन के भुगतान की मांग करने वाली एक लंबित याचिका के संबंध में जामिया की ओर से दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए दिया।

पूरा मामला क्या था?

दरअसल, जामिया के सरोजिनी नायडू महिला अध्ययन केंद्र की निदेशक के रूप में कार्यरत एक प्रोफेसर की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई और कहा गया कि उन्हें उनके वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है। जिस पर अदालत में जामिया मिलिया इस्लामिया ने जवाब देते हुए यह आवेदन दाखिल किया कि यूजीसी की ओर से जो पैसा ‘भारतीय विश्वविद्यालयों में महिला अध्ययन के विकास' के लिए आता है वह नहीं आया है, इसी वजह से प्रोफेसर के वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है। जामिया विश्वविद्यालय ने दिल्ली हाई कोर्ट से मांग की थी कि वह यूजीसी को निर्देश दे कि इस योजना के तहत यूजीसी जामिया मिलिया इस्लामिया को बाकी 6 करोड़ की राशि का भुगतान करे।

हाईकोर्ट की तल्ख़ टिप्पणी

पूरे मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्म प्रसाद की पीठ ने कहा कि जब विश्वविद्यालय अपने कुलपति और रजिस्ट्रार सहित तमाम अधिकारियों को वेतन का भुगतान कर रही है तो फिर संबंधित शिक्षक को वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा है। अदालत ने कहा, 'आप अपनी संपत्ति बेचिए और पैसे का भुगतान करिए। यूजीसी से फंड लेने के लिए आप अदालत को अपनी ढाल नहीं बना सकते हैं। आप अपने कुलपति और रजिस्ट्रार का वेतन रोकें लेकिन संबंधित शिक्षक के वेतन का भुगतान करें।