A
Hindi News दिल्ली ICMR डाटा लीक मामले में दिल्ली पुलिस ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार, FBI और पाकिस्तानी एजेंसी में भी लगाई थी सेंध

ICMR डाटा लीक मामले में दिल्ली पुलिस ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार, FBI और पाकिस्तानी एजेंसी में भी लगाई थी सेंध

ICMR डेटा लीक मामले में दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इस मामल में शामिल 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि उन लोगों ने FBI और पाकिस्तानी एजेंसी से भी डेटा चुराएं है।

ICMR Data leak case- India TV Hindi Image Source : FILE ICMR डेटा लीक मामले में दिल्ली पुलिस ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार,

दिल्ली पुलिस ने डार्क वेब पर भारतीयों की निजी जानकारी बेचने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डेटा बैंक से लीक हुए संवेदनशील डेटा को डार्क वेब पर बेचने का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपियों को 3 अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डाटा बैंक से डाटा लीक किया और डार्क वेब पर बेचने के लिए डाल दिया था।

FBI और CNIC के भी डाटा चुराए

जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली पुलिस ने सामने आई एक रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया था, जिसमें दावा किया गया था कि 81 करोड़ भारतीयों के टीकाकरण का डाटा डार्क वेब पर बिक रहा है। सूत्रों के मुताबिक ये लोग गेमिंग प्लेटफॉर्म पर मिले और जल्दी पैसा कमाने के लिए डेटा हैक करने का फैसला किया। वहीं, सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने पूछताछ में दावा किया कि उन्होंने फेडरेल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (FBI) और पाकिस्तान के आधार समकक्ष कंप्यूटराइज्ड नेशनल आइडेंटिटी कार्ड (CNIC) का डाटा भी चुरा लिया है।

निजी जानकारी बेचने के आरोप में गिरफ्तार

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस साइबर यूनिट ने डार्क वेब पर भारतीयों की निजी जानकारी बेचने के आरोप में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों को करीब 10 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। अधिकारी ने आगे कहा, “यह मामला हैकिंग और फ़िशिंग जैसे साइबर सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) को सूचित किया गया था, जिसने पहले डाटा की प्रामाणिकता के बारे में संबंधित विभागों के साथ वेरीफिकेशन किया और उनसे वास्तविक आंकड़ों से मिलान करने को कहा। उन्होंने पाया कि नमूने के रूप में लगभग 1 लाख लोगों का डेटा था, जिसमें से उन्होंने वेरीफिकेशन के लिए 50 लोगों का डाटा उठाया और उन्हें सही पाया।”

ये भी पढ़ें:

One Nation One Ride 2.0: दिल्ली की सड़कों पर एक साथ उतरे 2 हजार बाइकर्स, 'बेटी बचाओ और शिक्षा' का दिया संदेश