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Hindi News दिल्ली दिल्ली में कोरोना वायरस के 39 नए मामले सामने आए, लगातार दूसरे दिन किसी की मौत नहीं

दिल्ली में कोरोना वायरस के 39 नए मामले सामने आए, लगातार दूसरे दिन किसी की मौत नहीं

बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई में राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गयी थी। कई निजी स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों ने तो सरकार से अपने यहां भर्ती कोविड मरीजों को हटाने का अनुरोध किया था।

Delhi records 39 new COVID-19 cases, no fresh death- India TV Hindi Image Source : PTI दिल्ली में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन कोविड-19 से मौत का कोई नया मामला सामने नहीं आया।

नयी दिल्ली: दिल्ली में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन कोविड-19 से मौत का कोई नया मामला सामने नहीं आया जबकि संक्रमण के 39 नए मामले सामने आए हैं। संक्रमण दर 0.06 प्रतिशत है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किये गए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। दिल्ली में दूसरी लहर शुरू होने के बाद 21वीं बार एक दिन में कोविड-19 से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है। इससे पहले, 18 जुलाई, 24 जुलाई, 29 जुलाई, 2 अगस्त, 4 अगस्त, 8 अगस्त, 11 अगस्त, 12 अगस्त, 13 अगस्त, 16 अगस्त, 20 अगस्त, 21 अगस्त, 22 अगस्त, 23 अगस्त और 24 अगस्त, 26 अगस्त, अगस्त 27, 28 अगस्त और 29 अगस्त और एक सितंबर को भी संक्रमण से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया था।

दिल्ली में कोविड-19 मृतकों की कुल संख्या मंगलवार को 25,082 थी, जो अब भी उतनी ही है। अप्रैल-मई में दिल्ली में दूसरी लहर आई थी। बृहस्पतिवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, एक दिन पहले 42,669 आरटी-पीसीआर और 17,814 रैपिड एंटीजन सहित कुल 60,483 जांच की गईं। 

इस बीच दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों पर ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने और क्रायोजेनिक टैंकरों को खरीदने के लिए आवेदन मांगे हैं। आवेदन देने की आखिरी तारीख 16 सितंबर है। राष्ट्रीय राजधानी में जीवनदायिनी गैस की उपलब्धता सुधारने में मदद के लिए उत्पादन संयंत्रों और भंडारण केंद्रों के निर्माण के वास्ते मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन प्रचार नीति के तहत आवेदन मांगे गए हैं। 

इस नीति का मकसद दिल्ली को भविष्य में किसी भी संकट या चिकित्सा आपात स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन में आत्म निर्भर बनाना है। सरकार का उद्देश्य प्रति इकाई 50 मीट्रिक टन की न्यूनतम क्षमता के साथ तरलीकृत ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने का है। 

बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई में राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गयी थी। कई निजी स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों ने तो सरकार से अपने यहां भर्ती कोविड मरीजों को हटाने का अनुरोध किया था। 

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