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Hindi News दिल्ली AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन पर आरोप होंगे तय, दिल्ली सेशन कोर्ट ने कही ये बात

AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन पर आरोप होंगे तय, दिल्ली सेशन कोर्ट ने कही ये बात

दिल्ली दंगा मामले में दिल्ली सेशन कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश जारी किया है।

delhi riots Charges will be framed against former AAP councilor Tahir Hussain delhi session Court sa- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन पर आरोप होंगे तय

दिल्ली की एक सत्र अदालत ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ दंगा, लूट और आगजनी सहित आरोप तय करने का आदेश जारी किया है। अदालत ने इस बाबत कहा, प्रथम दृष्टया उन्होंने 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली सांप्रदायिक दंगों के दौरान भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया था। अदालत ने इस मामले में तीन आरोपियों को बरी कर दिया हालांकि, नौ अन्य के खिलाफ कई अपराधों के लिए आरोप तय करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ “प्रथम दृष्टया मामला” बनता था। 

पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन पर आरोप तय करने का आदेश

दिल्ली दंगा मामले में अदालत उन 13 लोगों के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रही थी जिन पर 24 फरवरी, 2020 को न्यू मुस्तफाबाद के मूंगा नगर इलाके में तीन दुकानों को लूटने और आग लगाने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का आरोप था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने पांच अगस्त को पारित आदेश में कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 149 (गैरकानूनी सभा), 188 (एक लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) 380 (आवासीय परिसर में चोरी) और 427 (शरारत करने और इस तरह 50 रुपये या उससे अधिक की राशि का नुकसान या क्षति करने के लिए सजा)के तहत अपराध के लिए 9 आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है। 

तीन आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी

नौ आरोपियों में शाह आलम, मोहम्मद शादाब, रियासत अली, गुलफाम, राशिद सैफी, मोहम्मद रिहान, मोहम्मद आबिद, अरशद कय्यूम और इरशाद अहमद हैं। उन्होंने कहा, “पहली नजर में ताहिर हुसैन के खिलाफ भादंवि की धारा 148, 380, 427, 435, 436 और 450 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 109 (उकसाने की सजा) के तहत अपराध का मामला बनता है”। अदालत ने हालांकि तीन आरोपियों, दीपक सिंह सैनी, महक सिंह और नवनीत को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष कोई भी “स्वीकार्य” सबूत रिकॉर्ड पर लाने में असमर्थ था जो यह स्थापित कर सके कि तीनों दंगाई भीड़ का हिस्सा थे।

(इनपुट-भाषा)