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Hindi News दिल्ली दिल्ली के CP की गोपालदास बिल्डिंग में लगी आग, फायर ब्रिगेड की 16 गाड़ियां मौके पर मौजूद

दिल्ली के CP की गोपालदास बिल्डिंग में लगी आग, फायर ब्रिगेड की 16 गाड़ियां मौके पर मौजूद

इससे पहले 26 अक्टूबर 2016 में भी इसी इमारत में आग लगी थी। इस दौरान बिल्डिंग की 16वीं इमारत पर भीषण आग लगी थी। इस बार 11वें फ्लोर पर आग लगी है। हालांकि अभी इसका कारण मालूम नहीं हुआ है।

दिल्ली के सीपी की गोपालदास बिल्डिंग में लगी आग- India TV Hindi Image Source : ANI दिल्ली के सीपी की गोपालदास बिल्डिंग में लगी आग

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के मध्य में स्थित कनॉट प्लेस को दिल्ली का दिल कहा जाता है। यहां कई बड़े-बड़े ब्रांडों की दुकाने मौजूद हैं। इसे देश की सबसे महंगी बाजार में भी शामिल किया जाता है। इसी सीपी में स्थित गोपलदास बिल्डिंग में आग लग गई है। आग की वजह से पूरे इलाके में धुआं फैल गया है। हालांकि आग लगने की वजह का अभी खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन आगे बुझाने के लिए मौके पर 16 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौजूद हैं। 

11वीं मंजिल पर लगी थी आग 

जानकारी के अनुसार, गोपालदास इमारत की 11वीं मंजिल पर आग लगी है। आग लगने की वजह से इलाके में हडकंप मच गया है। हालांकि अभी तक इससे किसी तरह के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है। लेकिन बताया जा रहा है कि बिल्डिंग के अंदर कई लोग फंसे हो सकते हैं। उन्हें निकालने के लिए दमकल विभाग के कर्मी इमारत के अंदर गए हैं। वहीं इस दुर्घटना के बारे में जानकारी देते हुए दिल्ली फायर सर्विसेज (डीएफएस) के निदेशक अतुल गर्ग के ने बताया कि आग लगने की कॉल दोपहर 12.56 बजे मिली थी। जिसके बाद मौके पर आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को भेजा गया। आग 11वीं मंजिल पर लगी थी।

मुखर्जी नगर गर्ल्स पीजी में लगी थी आग

इससे पहले मुखर्जी नगर गर्ल्स पीजी में आग लग गई थी। दमकलकर्मियों ने चार साल की एक बच्ची समेत 35 लोगों को उसमें से सुरक्षित बाहर निकाला था। बच्ची समेत पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। दमकल की 20 गाड़ियों की मदद से आग पर काबू पाया गया। भीड़भाड़ अधिक होने तथा सकरी गलियां होने के कारण केवल गाड़ियां ही आठ ही घटनास्थल पर पहुंच सकीं। 

पुलिस ने पीजी मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए किया गया कार्य), 337 (अविवेकपूर्ण या लापरवाही से किया गया कार्य जिससे मानव जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा हो), 338 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालकर गंभीर चोट पहुंचाना), 34 (साझा इरादा) के तहत मामला दर्ज किया है।