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दिल्ली का मैडम तुसाद म्यूजियम हमेशा के लिए हो रहा बंद, यह है बड़ी वजह

दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित मैडम तुसाद म्यूजियम पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। लेकिन ब्रिटेन की कंपनी मर्लिन एंटरटेनमेंट ने भारत में मैडम तुसाद म्यूजियम के ऑपरेशन को बंद करने का फैसला किया है।

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नई दिल्ली: दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित मैडम तुसाद म्यूजियम पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। इस म्यूजियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बॉलीवुड स्टार सलमान खान, लियोनार्डो डी कैप्रियो तक की मोम से बनी मूर्तियां है जिनका पर्यटक दीदार करते रहे हैं लेकिन अब यह बंद होने जा रहा है। ब्रिटेन की कंपनी मर्लिन एंटरटेनमेंट ने भारत में मैडम तुसाद म्यूजियम के ऑपरेशन को बंद करने का फैसला किया है। मर्लिन एंटरटेनमेंट्स इंडिया के महाप्रबंधक और निदेशक अंशुल जैन ने इसकी पुष्टि की। अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक अंशुल जैन ने कहा कि मर्लिन एंटरटेनमेंट्स पुष्टि कर सकती है कि कनॉट प्लेस में मैडम तुसाद दिल्ली को बंद किया जा रहा है।

अंशुल जैन ने कहा कि कोरोना संकट के चलते मार्च 2020 में म्यूजियम को अस्थायी तौर पर बंद किया गया था हालांकि भारत में मैडम तुसाद की लोकप्रियता कायम है। उन्होंने कहा कि मौसम की मौजूदा स्थिति के चलते यूके स्थित कंपनी भारत में म्यूजियम को लेकर विकल्प की तलाश कर रही है।

वहीं, इस बिल्डिंग के मालिक विक्रम बक्शी कहते हैं कि मैडम तुसाद का दिल्ली से जाना शहर के लिए बड़ा नुकसान है। इससे वैश्विक स्तर पर पर्यटक दिल्ली की तरफ आकर्षित होते थे। नगर निकाय के अफसरों ने म्यूजियम को स्थापित करने के लिए सभी सहूलियत मुहैया कराई थी। उन्होंने कहा कंपनी ने इस म्यूजियम की वजह से भारत में अपना काफी धन निवेश किया था लेकिन अब कंपनी के भारत से जाने के बाद यह सारा पैसा भी चला जाएगा।

बता दें कि मैडम तुसाद रीगल बिल्डिंग में दो मंजिल में किराये पर चल रहा था। कंपनी के पीछे हटने की वजह आर्थिक तंगी को माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि बंदी के दौर में भी मोम की पुतलों के रखरखाव पर भारी खर्च आ रहा था। मोम के पुतले होने की वजह से पूरे म्यूजियम को एक निश्चित तापमान पर रखा जा रहा था और इसके लिए एयर कंडीशनर के इंतजाम किए गए थे ताकि ये पुतले पिघलें नहीं। मोम के पुतलों के बाल, त्वचा और कपड़ों का भी ध्यान रखा जा रहा था। ये कई बार बीच-बीच में खराब हो जाते थे इसकी वजह से रखरखाव में बड़ी टीम लगी हुई थी जिस पर काफी खर्च हो रहा था।