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Hindi News दिल्ली मरीजों की कमी के चलते अगले हफ्ते बंद हो जाएगा सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर

मरीजों की कमी के चलते अगले हफ्ते बंद हो जाएगा सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक एसएस देसवाल ने बताया कि गृह मंत्रालय ने कोविड केयर सेंटर को बंद करने की मंजूरी दे दी है।

Sardar Patel COVID Care Centre, biggest covid hospital, biggest COVID Care Centre- India TV Hindi Image Source : DMSOUTH.DELHI.GOV.IN सरदार पटेल कोविड-19 केयर सेंटर में इलाज करा रहे मरीजों के ठीक होने के बाद इसे बंद कर दिया जाएगा।

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (MHA) ने भारत के सबसे बड़े COVID-19 केयर सेंटर, सरदार पटेल COVID-19 केयर सेंटर ऐंड हॉस्पिटल, को बंद करने का फैसला किया है। सरकार ने यह कदम दिल्ली-NCR में कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार के चलते आई मरीजों की भारी कमी के कारण उठाया है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक एसएस देसवाल ने ANI को बताया कि गृह मंत्रालय ने कोविड केयर सेंटर को बंद करने की मंजूरी दे दी है और इसे अगले सप्ताह तक बंद कर दिया जाएगा। गृह मंत्रालय ने DRDO द्वारा स्थापित सरदार वल्लभ भाई पटेल COVID अस्पताल, दिल्ली कैंट (SVBP Hospital) को भी बंद करने का फैसला किया है।

‘इस समय सेंटर में हैं 60 मरीज’
देसवाल ने कहा कि सरदार पटेल कोविड-19 केयर सेंटर में इलाज करा रहे मरीजों के ठीक होने के बाद इसे बंद कर दिया जाएगा। देसवाल ने कहा, 'पिछले 2 महीनों से यहां मुश्किल से ही कोई मरीज आया है। हमने उचित स्तर पर स्थिति से अवगत कराया था और यह फैसला किया गया है कि सेंटर को जल्द ही बंद कर दिया जाए। इस समय सरदार पटेल कोविड-19 केयर सेंटर में 60 मरीज हैं। उन्हें छुट्टी देने के बाद इस अस्पताल को बंद कर दिया जाएगा।' उन्होंने कहा कि अब किसी भी नए मरीज को भर्ती नहीं किया जाएगा क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के अस्पताल हर दिन आ रहे नए मामलों की संख्या से निपटने के लिए काफी हैं।

‘जरूरत पड़ने पर तुरंत कर सकते हैं शुरू’
ITBP चीफ ने कहा, 'अगले हफ्ते तक इसे बंद कर दिया जाएगा। हमें पहले सभी मरीजों का इलाज करना होगा और उसके बाद यह बंद हो जाएगा। हालांकि जरूरत पड़ने पर हम इसे तुरंत शुरू भी कर सकते हैं क्योंकि हमें इसका अनुभव हो गया है। अब कोई नया मरीज भर्ती नहीं किया जाएगा। शहर के अस्पतालों में नए मरीजों को संभालने की पूरी व्यवस्था है। हमारे डॉक्टरों की टीम ने अन्य बलों के (डॉक्टरों) साथ मिलकर सेंटर को चलाने में मदद की। लोगों की सेवा करना एक अच्छा अनुभव था। सबसे अच्छी बात यह थी कि यहां इलाज के एक रुपया भी नहीं लगता था।'