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Hindi News दिल्ली दिल्ली: चीफ सेक्रेटरी पर भ्रष्टाचार के आरोप, मंत्री आतिशी ने सीएम को सौंपी 650 पन्नों की रिपोर्ट

दिल्ली: चीफ सेक्रेटरी पर भ्रष्टाचार के आरोप, मंत्री आतिशी ने सीएम को सौंपी 650 पन्नों की रिपोर्ट

दिल्ली की विजिलेंस मंत्री आतिशी ने सीएम को 650 पन्नों की एक रिपोर्ट सौंपी है। यह रिपोर्ट मुख्य सचिव पर लगे भ्रष्टाचार के मामले से जुड़ी हुई है।

मंत्री आतिशी ने सीएम को सौंपी 650 पन्नों की रिपोर्ट।- India TV Hindi Image Source : PTI मंत्री आतिशी ने सीएम को सौंपी 650 पन्नों की रिपोर्ट।

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में सतर्कता मंत्री आतिशी ने भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में मुख्यमंत्री को 650 पन्नों की एक प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है। बता दें कि भ्रष्टाचार का यह मामला मुख्य सचिव नरेश कुमार और उनके बेटे से जुड़ा हुआ है। नरेश कुमार पर उनके बेटे को लाभ पहुंचाने का आरोप है। इसी मामले में सतर्कता मंत्री आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है। वहीं सीएम को रिपोर्ट सौंपने के बाद इस मामले पर राजनीति भी गर्म हो गई है। कुछ लोगों का मानना है कि नरेश कुमार के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और यह आरोप गंदी राजनीति के तहत लगाए जा रहे हैं। 

650 पन्नों की सौंपी रिपोर्ट

दरअसल, आम आदमी पार्टी के सूत्रों के अनुसार दिल्ली की सतर्कता मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को 650 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है। जांच में दावा किया गया है कि मुख्य सचिव ने अपने बेटे की कंपनी को 850 करोड़ रुपये का अवैध लाभ पहुंचाया। आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने बताया कि साल 2015 में द्वारका एक्सप्रेसवे के पास केवल 75 लाख रुपये में जमीन खरीदी थी। वहीं अब इस जमीन का महंगे रेट पर अधिग्रहण हुआ, जिसके बाद कंपनी को 850 करोड़ का फायदा हुआ। 

अक्टूबर में मिली थी शिकायत

बता दें कि द्वारका एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट में घोटाले को लेकर सीएम केजरीवाल से मामले की शिकायत की गई थी। इसी मामले में सीएम ने सतर्कता मंत्री आतिशी को जांच करने के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव नरेश कुमार पर आरोप है कि सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के लिए अधिक मुआवजा पाने के लिए एक व्यक्ति के रिश्तेदार ने नरेश कुमार के बेटे को नौकरी दी। वहीं अब इन मामलों की जांच की जाएगी। दिल्ली सरकार को यह शिकायत अक्टूबर महीने में मिली थी। फिलहाल इस पूरे मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार का कोई बयान सामने नहीं आया है। 

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