A
Hindi News एजुकेशन स्कूल खोले जाने का फैसला अभी नहीं, छात्रों को रेडियो देने की सलाह

स्कूल खोले जाने का फैसला अभी नहीं, छात्रों को रेडियो देने की सलाह

2020 शून्य शिक्षा वर्ष नहीं होगा, साथ ही अभी पूरे देश में स्कूल खोले जाने को लेकर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह जानकारी सोमवार को शिक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की बैठक में सामने आई। कक्

<p>Decision not to open school yet, to advise students on...- India TV Hindi Image Source : FILE Decision not to open school yet, to advise students on radio

नई दिल्ली। 2020 शून्य शिक्षा वर्ष नहीं होगा, साथ ही अभी पूरे देश में स्कूल खोले जाने को लेकर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह जानकारी सोमवार को शिक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की बैठक में सामने आई। कक्षा 4 और उससे बड़ी कक्षाओं के लिए ऑनलाइन क्लास भी जारी रहेगी। राज्य सभा सांसद विनय सहस्रबुद्धे की अध्यक्षता में शिक्षा मंत्रालय संबंधी संसद की स्थायी समिति ने कोरोनोवायरस महामारी के बीच शिक्षा और छात्रों की स्थिति पर चर्चा की। सहस्रबुद्धे के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से यह समिति की पहली बैठक थी। बैठक में स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा के सचिव, यूजीसी के अध्यक्ष, एआईसीटीई और सीबीएसई के अधिकारी शामिल हुए।

सभी छात्रों को लैपटॉप और मोबाइल फोन देना संभव नहीं है, इसलिए सांसदों ने जरूरतमंद छात्रों को ट्रांजिस्टर देने की सलाह दी है। सांसदों के मुताबिक यह कदम लागत प्रभावी होगा और इसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी आसानी से लागू किया जा सकता है। बैठक में मौजूद एक सांसद ने कहा, "शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 2020 शून्य शिक्षा का वर्ष नहीं होगा, छात्रों को शिक्षा प्रदान की जाएगी। फिलहाल परीक्षाएं केवल उच्च शिक्षा के लिए होंगी।"

कई सांसदों ने बैठक में अधिकारियों को बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने की व्यवहार्यता के बारे में बताया। इस दौरान शिक्षा में सुधारों पर भी चर्चा हुई। परीक्षा के दौरान किसी छात्र की प्रगति का आंकलन करने के लिए प्रश्न बैंक को अपनाने की प्रणाली के उपयोग पर भी बात की गई।

वहीं सोमवार को ही एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "2020 की नई शिक्षा नीति 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है जो कि 34 साल बाद आई है। नई शिक्षा नीति के जरिए भारत को 21वीं सदी में नए युग की चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार करने का लक्ष्य है। नई शिक्षा नीति को सुव्यवस्थित और गहन विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है।"

इस नीति में शिक्षा के माध्यम की भाषा को लेकर उठ रहे विवाद पर अपनी बात रखते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हम सब ये अच्छी तरह से जानते हैं कि 8 साल से कम उम्र के बच्चे भाषाएं ज्यादा तेजी से सीखते हैं और भाषा सीखना बच्चे के संज्ञानात्मक विकास का बेहद अहम पहलू है। इसलिए इस अवस्था में बहुत-सी भाषाएं या कम से कम तीन भाषाएं सिखाई जाएं।"

Latest Education News