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Hindi News एजुकेशन दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए वर्चुअल मेगा बुक फेयर का हुआ आयोजन, 300 से ज्यादा पब्लिशर्स ने लिया भाग

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए वर्चुअल मेगा बुक फेयर का हुआ आयोजन, 300 से ज्यादा पब्लिशर्स ने लिया भाग

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए कल यानी गुरुवार को वर्चुअल मेगा बुक फेयर का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किया। इस वर्चुअल बुक फेयर में 300 से ज्यादा पब्लिशर्स ने भाग लिया।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया(फाइल फोटो)- India TV Hindi Image Source : PTI दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया(फाइल फोटो)

दिल्ली सरकार के द्वारा गवर्नमेंट स्कूलों के लिए कल यानी गुरुवार को वर्चुअल मेगा बुक फेयर का आयोजन किया गया। इस वर्चुअल बुक फेयर का उद्घाटन दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किया। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित मेगा बुक फेयर से शिक्षा निदेशालय के तहत आने वाल सभी स्कूल अपने पुस्तकालयों के लिए बेस्ट किताबों को चुन सकेंगे। दिल्ली के डिप्टी सीएम ने कहा कि दिल्ली देश में पहली ऐसी जगह बन गई है जहां सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षक और छात्र दोनों वर्चुअल मेगा बुक फेयर में भाग ले सकते हैं। बता दे कि इस वर्चुअल बुक फेयर में 300 से ज्यादा पब्लिशर्स ने भाग लिया। 

ओवरऑल डवलेपमेंट में बुक्स बहुत ही अहम

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि बच्चों के समग्र विकास में किताबें बहुत ही अहम रोल निभाती हैं, जिसे देखते हुए दिल्ली की AAP सरकार ने पिछले 6-7 वर्षों में स्कूली पुस्तकालयों में जरूरी बदलाव किए हैं। उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बुक फेयर के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पुस्तकों की उपलब्धता एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि इसके जरिए छात्रों को बेहतरीन किताबों तक आसानी से पहुंच प्राप्त होगी।

'लगभग 8,000 पुस्तकें शीमिल की गईं'

दिल्ली सरकार के स्कूल अब टीचर्स और स्टूडेंट्स अपनी पसंद के मुताबिक किताबें खरीद सकते हैं जो 2017 से पहले मुमकिन नहीं था। साथ ही उपमुख्मंत्री ने यह भी बताया कि भारत अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए दुनिया का नंबर वन देश बन सकता है। शिक्षा विभाग (DoE) के मुताबिक, इस डिजिटल मेगा-बुक फेयर का आयोजन यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि लाइब्रेरी की किताबें स्कूल के दरवाजे तक पहुंच सकें। जानकारी के मुताबिक इस वर्चुअल बुक फेयर में 300 से ज्यादा पब्लिशर्स ने भाग लिया और लगभग 8,000 पुस्तकें इसमें शामिल की गईं।

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