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Hindi News एजुकेशन दिल्ली विश्वविद्यालय: एग्जीक्यूटिव व एकेडमिक काउंसिल चुनाव प्रक्रिया शुरू

दिल्ली विश्वविद्यालय: एग्जीक्यूटिव व एकेडमिक काउंसिल चुनाव प्रक्रिया शुरू

दिल्ली विश्वविद्यालय में एकेडमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल के चुनाव में खड़े हुए उम्मीदवारों को बैलेट नम्बर दे दिया गया है।

<p> Delhi University Executive and Academic Council...- India TV Hindi Image Source : GOOGLE  Delhi University Executive and Academic Council Election Process Begins

नई दिल्ली।  दिल्ली विश्वविद्यालय में एकेडमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल के चुनाव में खड़े हुए उम्मीदवारों को बैलेट नम्बर दे दिया गया है। इसके बाद कोरोना नियमों और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उम्मीदवारों ने शिक्षकों की साइंस लैब, विभाग के स्टाफ रूम और शिक्षकों से उनके कार्यालयों में जाकर मिलना शुरू कर दिया है। इस दौरान कला एवं मानविकी विभागों में शिक्षकों की सबसे अधिक उपस्थिति रही।

बुधवार को यहां ईसी उम्मीदवार डॉ. नरेंद्र कुमार पाण्डेय से एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर व सीनियर प्रोफेसर की प्रमोशन के विषय में सवाल पूछे गए। इस पर डॉ. पाण्डेय ने सवालों का जवाब दिया।

शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने कार्यकारी परिषद(ईसी) व विद्वत परिषद (एसी) चुनाव में पैनल के उम्मीदवार डॉ. नरेंद्र कुमार पाण्डेय व सुनील कुमार ने भी प्रचार किया। 

डीटीए प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन के साथ उम्मीदवारों ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कला एवं मानविकी विभाग, विज्ञान संकाय, दिल्ली स्कूल ऑफ कॉमर्स आदि विभागों में शिक्षकों से सम्पर्क कर वोट करने की अपील की।

हिंदी, कॉमर्स, इतिहास, अंग्रेजी आदि विषयों के एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के पदों पर कब इंटरव्यू हो रहे हैं। इस पर प्रोफेसर सुमन ने उन्हें बताया कि जैसे ही सहायक प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी, उसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन बाकी विभागों के इंटरव्यू शुरू कर देगा।

प्रभारी प्रोफेसर हंसराज 'सुमन' से विभागों में चुनाव प्रचार के दौरान कुछ एडहॉक शिक्षकों ने दिल्ली सरकार के कॉलेजों में समायोजन और स्थायीकरण का मुद्दा उठाया जा रहा है, उसी तरह डीटीए कला, विज्ञान और कॉमर्स आदि विभागों में लंबे समय से पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए भी समायोजन और स्थायीकरण का मुद्दा भी उठाया जाए।

शिक्षकों का कहना था कि, "पिछले दिनों कुछ विभागों में सहायक प्रोफेसर के पदों पर विभिन्न विभागों में इंटरव्यू हुए लेकिन इंटरव्यू के बाद उन्हें निकाल दिया गया। इन शिक्षकों ने विभिन्न शिक्षक संगठनों के प्रति गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि जिन लोगों ने समायोजन का मुद्दा उठाया और अब भी सारे संगठन उठा रहे हैं, उनके एजेंडे में भी हैं, लेकिन जब विभागों में शिक्षकों के इंटरव्यू होते हैं, उनके समायोजन के लिए सारे शिक्षक संगठन नदारद रहते हैं।"

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