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Hindi News एजुकेशन परीक्षा से पहले देशभर के छात्रों संग त्री स्तरीय संवाद करेंगे शिक्षा मंत्री

परीक्षा से पहले देशभर के छात्रों संग त्री स्तरीय संवाद करेंगे शिक्षा मंत्री

कोविड महामारी के बीच स्कूल, कॉलेज की परीक्षाएं करवाना एक चुनौती है। इसे स्वीकार करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं का आयोजन करवाने का फैसला लिया है।

<p>Education Minister will interact with students from all...- India TV Hindi Image Source : GOOGLE Education Minister will interact with students from all over the country before the exam

नई दिल्ली। कोविड महामारी के बीच स्कूल, कॉलेज की परीक्षाएं  करवाना एक चुनौती है। इसे स्वीकार करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं का आयोजन करवाने का फैसला लिया है। हालांकि इससे पहले छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से त्री स्तरीय संवाद के जरिए परीक्षाओं के आयोजन संबंधी समस्याओं पर विचार किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक विद्यार्थियों की प्रगति एवं बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए परीक्षाओं का आयोजन बेहद जरूरी है। आमतौर पर नवंबर और दिसंबर में देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में यह परीक्षाएं आयोजित होती हैं।

इस साल परीक्षाओं के आयोजन को लेकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। अबतक कोविड के चलते देशभर के स्कूल कॉलेज पूरी तरह से नहीं खोले जा सके हैं। बोर्ड परीक्षाओं के रजिस्ट्रेशन से लेकर कक्षा संचालन तक सारे कार्य वर्चुअल या ऑनलाइन तरीके से संचालित हो रहे हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "लगातार स्कूल कॉलेज से दूर रह रहे छात्रों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई करना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन इस चुनौती को अवसर में बदलने के लिए छात्रों को हमेशा तैयार रहना चाहिए।"

ऐसी तमाम संभावनाओं को देखते हुए कोविड महामारी के बीच समय पर परीक्षाओं के संचालन के लिए सरकार ने नई पहल की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने परीक्षाओं के संचालन के पूर्व छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ त्रिस्तरीय संवाद की योजना बनाई है। शिक्षा मंत्री डॉ. निशंक तीन अलग अलग तिथियों पर छात्रों, अभिभावकों शिक्षकों के साथ वेबिनार के जरिए सीधे संवाद करेंगे।

केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "बेहतर संकल्प और इच्छाशक्ति के साथ पढ़ाई और समय पर रिजल्ट जारी करवाना सबसे बड़ी चुनौती है, ताकि छात्रों का एक साल बर्बाद न हो। कोरोना नियमों का पालन करते हुए इन परीक्षाओं के आयोजन से छात्रों की योग्यता, विश्वसनीयता और विश्व के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश की स्वीकार्यता और बेहतर भविष्य-निर्माण की संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।"

वर्चुअल संवाद के जरिए शिक्षा मंत्री देशभर में शिक्षा और शिक्षण से जुड़े लोगों के साथ संवाद स्थापित करेंगे। वेबिनार की सूचना शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट समेत देशभर के तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और माननीय शिक्षा मंत्री के ट्विटर एकाउंट और फेसबुक पेज पर भी उपलब्ध होगा।

इस वर्चुअल संवाद के बाद शिक्षा मंत्री राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित होने वाली परीक्षाओं की समीक्षा करेंगे। इस प्रकार स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय के आदेशों के अनुसार परीक्षाओं के संचालन की विस्तृत योजना बनाई जाएगी। सरकार की पूरी कोशिश होगी कि परीक्षाओं के संचालन में छात्रों का समय बेकार न बर्बाद हो। साथ ही विदेशों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को लेकर सरकार पूरी निगरानी रखेगी।

परीक्षाओं के आयोजन में सरकार को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। छात्रों के स्वास्थ्य और कोरोना काल में सामाजिक दूरी समेत कई तरह की जिम्मेदारियों से रूबरू होना पड़ता है। रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "हाल ही में नीट और जेईई की परीक्षाओं के संचालन में बेहतर सूझबूझ का परिचय दिया गया। समय पर परीक्षाओं का आयोजन करवाकर एक मिसाल पेश की गई। तमाम विरोधों की परवाह किए बगैर अपने निर्णय पर अडिग रहकर हमने नीट और जेईई का आयोजन करवाया था।"

निशंक ने कहा, "वैश्विक आपदा कोविड-19 के कारण संपूर्ण विश्व का शैक्षिक एवं अकादमिक जगत व्यापक रूप से प्रभावित हो रहा है। वर्तमान हालात में शीघ्र ही इस बीमारी से निजात मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए देशभर में परीक्षाओं का समय पर आयोजन करवाना जरुरी है।"
 

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