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Hindi News एजुकेशन परीक्षा बीएड और शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कार्यक्रम में होगा विस्तार

बीएड और शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कार्यक्रम में होगा विस्तार

नई दिल्ली। छात्रों के लिए शिक्षा नीति में कई बदलाव किए जा रहे हैं। बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों को भी व्यापक ट्रेनिंग एवं पढ़ाने के नए विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे। इसी क्रम में बीएड और शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कोर्स में भी विस्तार किया जाएगा।

<p>bed and teacher eligibility test (TET) program to be...- India TV Hindi Image Source : PTI bed and teacher eligibility test (TET) program to be expanded

नई दिल्ली। छात्रों के लिए शिक्षा नीति में कई बदलाव किए जा रहे हैं। बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों को भी व्यापक ट्रेनिंग एवं पढ़ाने के नए विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे। इसी क्रम में बीएड और शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कोर्स में भी विस्तार किया जाएगा। बीएड और शिक्षक पात्रता परीक्षा में यह बदलाव शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने नए बदलावों के विषय पर कहा, "शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को सुनिश्चित करने के साथ ही अध्यापक शिक्षा की गुणवत्ता, भर्ती, पदस्थापन, सेवा शर्तो और शिक्षकों के अधिकारों की स्थिति का आकलन किया गया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा के साथ ही बीएड कार्यक्रम में विस्तार देकर बदलाव सुनिश्चित किया गया है।"

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, "शिक्षकों की क्षमताओं को अधिकतम स्तर तक बढ़ाना नई शिक्षा नीति का महत्वपूर्ण निर्धारित लक्ष्य है। शिक्षकों को पाठ्यक्रम और शिक्षण के उन पहलुओं को चयनित करने के लिए ज्यादा स्वायतता दी जाएगी। शिक्षकों को सामाजिक और भावनात्मक पक्षों को ध्यान में रखकर सर्वांगीण विकास की दृष्टि से शिक्षण कार्य करना होगा। ऐसी विधि अपनाने पर सकारात्मक परिणाम आने की दशा में शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। नई नीति के तहत शिक्षकों को सतत व्यवसायिक विकास के अवसर मिलेंगे।"नई शिक्षा नीति में अध्यापकों के लिए कई प्रकार के बदलाव किए जाएंगे। इसके अंतर्गत स्कूल में पढ़ने और पढ़ाने की प्रक्रिया में मूल बदलाव होंगे। स्कूली छात्रों की पाठ्य-पुस्तकों में भी कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

जहां एक ओर छात्रों को नए पाठ्यक्रम के अंतर्गत सीखने के अधिक अवसर प्राप्त होंगे, वहीं शिक्षकों को भी पढ़ाई के नए तौर तरीके अपनाने होंगे।निशंक ने कहा, "स्कूल की पाठ्य पुस्तकों में भी बदलाव किया जाएगा। जहां संभव हो, शिक्षकों के पास भी तय पाठ्य-पुस्तकों में अनेक विकल्प होंगे। उनके पास अब ऐसी पाठ्य-पुस्तकों के अनेक सेट होंगे, जिसमें अपेक्षित राष्ट्रीय और स्थानीय सामग्री शामिल होगी। इसके चलते वे ऐसे तरीके से पढ़ा सकेंगे, जो उनकी अपनी शिक्षण शास्त्रीय शैली और उनके छात्रों की जरूरत के मुताबिक हो।"उन्होंने कहा, "शिक्षा नीति में स्कूल पाठ्यक्रम के बोझ में कमी, बढ़े हुए लचीलेपन, रटकर सीखने के बजाय रचनात्मक तरीके से सीखने पर जोर दिया जाएगा।"
 

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