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UPSC Exam Supreme Court : केन्द्र ने SC से कहा: UPSC 2020 के अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका नहीं दे सकते

केन्द्र सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह यूपीएससी परीक्षा 2020 में कोविड-19 के कारण शामिल नहीं हो सके या ठीक से तैयारी नहीं कर पाने वाले ऐसे अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका नहीं देगी.

<p>UPSC Examination Supreme Court Center told SC UPSC...- India TV Hindi Image Source : GOOGLE UPSC Examination Supreme Court Center told SC UPSC cannot give additional chance to 2020 candidates

नई दिल्ली: UPSC Civil Service Exam:  केन्द्र सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह यूपीएससी परीक्षा 2020 में कोविड-19 के कारण शामिल नहीं हो सके या ठीक से तैयारी नहीं कर पाने वाले ऐसे अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका नहीं देगी. सरकार ने कहा कि 2020 में अंतिम मौका गंवा चुके अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अवसर देना अन्य के साथ भेदभाव होगा.

सॉलिसीटर जनरल ने मुद्दे पर एक और बार चर्चा करने के लिए समय मांगा, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी. सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी को अवर सॉलिसीटर जनरल वी. एस. राजू ने बताया कि महामारी के कारण अपने अंतिम अवसर पर परीक्षा में शामिल नहीं हो पाये अभ्यर्थियों को केन्द्र सरकार और एक मौका देने के पक्ष में नहीं है.

राजू ने देश में सिविल सेवा परीक्षा शुरू होने के बाद से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा दी गई छूट के संबंध में विस्तृत जानकारी न्यायालय को दी और बताया कि 1979, 1992 और 2015 में परीक्षा पैटर्न में बदलाव के कारण अभ्यर्थियों को छूट दी गई. पीठ ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब किसी को राहत दी जाएगी.

राजू ने कहा कि 1979 और 1992 में कोई प्रीलीमिनरी (प्री) परीक्षा नहीं होती थी और कुछ नया लागू किए जाने के कारण नियमों में बदलाव किया गया. पीठ ने कहा कि एक बार राहत देने से अधिकतम आयु सीमा में बदलाव किए बगैर 3,300 से ज्यादा छात्रों को राहत मिलेगी. पीठ ने राजू से कहा कि अगर केन्द्र सलाह को स्वीकार नहीं कर रही है तो वह याचिका दायर करने वालों का पक्ष सुनना चाहेगी.

वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान और अधिवक्ता अनुश्री प्रशित कपाड़िया ने राजू द्वारा न्यायालय को सौंपे गए चार्ट की प्रति मांगी. भोजनावकाश के बाद मामले पर सुनवाई फिर से शुरू होने पर मेहता ने पीठ को बताया कि केन्द्र सरकार मुद्दे पर और एक बार विचार करना चाहेगी और इसपर सुनवाई बुधवार या बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दिया जाए.

पीठ ने कहा कि वह कुछ भी अपने रिकॉर्ड में दर्ज नहीं कर रही है, लेकिन उसने केन्द्र से कहा कि वह 2021 सिविल सेवा परीक्षा के लिए नियमों को अधिसूचित ना करे. पीठ ने मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी.

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