A
Hindi News एजुकेशन IIT इंदौर संस्कृत में पढ़ा रहा गणित और विज्ञान के प्राचीन पाठ

IIT इंदौर संस्कृत में पढ़ा रहा गणित और विज्ञान के प्राचीन पाठ

देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में आमतौर पर गणित और विज्ञान की पढ़ाई अंग्रेजी में होती है लेकिन जरा उस कक्षा की कल्पना कीजिये जिसमें इन तकनीकी विषयों के प्राचीन पाठ संस्कृत में पढ़ाये जा रहे हों और शिक्षक से लेकर विद्यार्थी तक इसी भाषा में संवाद कर रहे हों।

<p>iit indore is teaching in Sanskrit ancient lessons of...- India TV Hindi Image Source : GOOGLE iit indore is teaching in Sanskrit ancient lessons of mathematics and science

इंदौर। देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में आमतौर पर गणित और विज्ञान की पढ़ाई अंग्रेजी में होती है लेकिन जरा उस कक्षा की कल्पना कीजिये जिसमें इन तकनीकी विषयों के प्राचीन पाठ संस्कृत में पढ़ाये जा रहे हों और शिक्षक से लेकर विद्यार्थी तक इसी भाषा में संवाद कर रहे हों। इंदौर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने इस कल्पना को साकार कर दिया है। संस्थान ने देश के प्राचीन ग्रंथो में सदियों पहले संजोये गये गणितीय और वैज्ञानिक ज्ञान से मौजूदा पीढ़ी के लोगों को अवगत कराने के लिये अपने किस्म का इकलौता ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया है जिसमें प्रतिभागियों को संस्कृत में पढ़ाया जा रहा है।

आईआईटी इंदौर के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि 22 अगस्त से शुरू हुआ यह गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (क्यूआईपी) अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से प्रायोजित है। यह पाठ्यक्रम दो अक्टूबर तक चलेगा जिसमें कुल 62 घंटों की ऑनलाइन कक्षाएं होंगी। अधिकारी ने बताया कि इस पाठ्यक्रम में दुनिया भर के 750 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। आईआईटी इंदौर के कार्यवाहक निदेशक प्रो.नीलेश कुमार जैन ने "पीटीआई-भाषा" को बताया, “मूलतः संस्कृत में रचे गये भारत के प्राचीन ग्रंथों में गणित और विज्ञान के ज्ञान की समृद्ध विरासत है। लेकिन मौजूदा पीढ़ी के कई लोग अपने इस सुनहरे अतीत से अनभिज्ञ हैं।

उन्हें अतीत के इस ज्ञान से संस्कृत भाषा के माहौल में ही परिचित कराने के लिये हमने यह पाठ्यक्रम शुरू किया है।" उन्होंने कहा, "देश की नयी शिक्षा नीति में भी भारतीय भाषाओं में अध्ययन को बढ़ावा देने की बात कही गयी है। हमारा यह पाठ्यक्रम संस्कृत में गणित और विज्ञान के विषयों के अध्ययन-अध्यापन के साथ ही अनुसंधान और नवाचारों के लिये प्रतिभागियों को प्रेरित करेगा।" आईआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि इस पाठ्यक्रम को दो भागों में विभाजित किया गया है। पाठ्यक्रम के पहले भाग में "संस्कृत भारती" संगठन के भाषाई जानकारों की मदद से उन प्रतिभागियों में संस्कृत समझने को लेकर कौशल और आत्मविश्वास विकसित किया जायेगा जो देश की इस पुरातन जुबान से अच्छी तरह वाकिफ नहीं हैं।

उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम के दूसरे भाग में आईआईटी मुंबई के दो प्रोफेसर संस्कृत में गणित का शास्त्रीय पाठ पढ़ाएंगे। इसमें 12वीं सदी के मशहूर गणितज्ञ भास्कराचार्य (1114-1185) की प्रतिष्ठित पुस्तक "लीलावती" पर आधारित व्याख्यान शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम के दूसरे भाग में शामिल प्रतिभागियों के मूल्यांकन के लिए योग्यता परीक्षा भी आयोजित की जायेगी और इस परीक्षा में सफल रहने वाले प्रतिभागियों को आईआईटी इंदौर की ओर' से प्रमाणपत्र प्रदान किया जायेगा।

Latest Education News