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Hindi News एजुकेशन JIBS ने मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया

JIBS ने मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया

जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस), ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने फ्री इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ मोल्दोवा के साथ मिलकर 9-10 अप्रैल को 'मेंटल हेल्थ, वेल-बीइंग एंड लोनलीनेस ड्यूरिंग कोविड-19' विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन किया।

<p>JIBS organizes international conference on the subject...- India TV Hindi Image Source : FILE JIBS organizes international conference on the subject of mental health

नई दिल्ली। जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस), ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने फ्री इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ मोल्दोवा के साथ मिलकर 9-10 अप्रैल को 'मेंटल हेल्थ, वेल-बीइंग एंड लोनलीनेस ड्यूरिंग कोविड-19' विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन किया।

महामारी दुनिया भर में लोगों के जीवन को बाधित कर रही है, इस बीच सम्मेलन का उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों और सामान्य आबादी के मानसिक स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव को कम करने के तरीकों पर चर्चा, विश्लेषण और सुझाव देता रहा है।

इस दौरान 300 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, अनुसंधान विद्वानों, बहु-विषयक पेशेवरों, चिकित्सकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और दुनिया भर के छात्रों ने मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण के विभिन्न विषयों पर अपने अनुभवों और शोध परिणामों को साझा किया।

आभासी सत्र (वर्चुअल सेशन) के दौरान बोलते हुए जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) के प्रधान निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) संजीव पी. साहनी ने विशेष रूप से वर्तमान वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संकट के दौरान रोजमर्रा की बातचीत में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को लाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, "एक ऐसी दुनिया में जहां महामारी ने हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन को पूरी तरह से तबाह कर दिया है, सम्मेलन का उद्देश्य कोविड-19 महामारी की वजह से चिंता, अवसाद, बर्नआउट, थकान, अकेलापन और निराशा की भावनाओं का मुकाबला करने के तरीके और टूल्स ढूंढना है।"

डॉ. साहनी ने कोविड-19 संकट और महामारी के दौरान इस प्रकार की दिक्कतों को कम करने के तरीकों के कारण लोगों के बीच व्यवहार के मनोवैज्ञानिक और सामाजिक पहलुओं में भारी बदलाव पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, "मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग को समझने की जरूरत है। महामारी से पहले, मानसिक स्वास्थ्य में पहले से ही तीव्र गिरावट थी, लेकिन अब स्थिति और भी बढ़ रही है।"

नव स्थापित जिंदल स्कूल ऑफ साइकोलॉजी एंड काउंसलिंग (जेएसपीसी) के वाइस डीन डॉ. डेरिक हॉल लिंडक्विस्ट ने सम्मेलन के दौरान आभासी स्वागत भाषण प्रस्तुत किया, जबकि फ्री इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ मोल्दोवा में मनोविज्ञान एवं शैक्षिक विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. नेली बालोड ने विशेष रूप से वैश्विक महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया।

डॉ बालोड ने मानसिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक मनोविज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यावहारिक और प्रयोगात्मक अनुसंधान को लेकर जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज की भूमिका की प्रशंसा भी की।

2014 में स्थापित, जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) ओ. पी. जिंदल ग्लोबल का एक वैल्यू-बेस्ड अनुसंधान संस्थान है और संयुक्त राष्ट्र की अकादमिक परिषद का सदस्य है।

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