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Hindi News एजुकेशन 70 साल के इस बुजुर्ग ने रचा इतिहास, इंजीनियरिंग की परीक्षा में 95 फीसदी अंक लाकर किया टॉप

70 साल के इस बुजुर्ग ने रचा इतिहास, इंजीनियरिंग की परीक्षा में 95 फीसदी अंक लाकर किया टॉप

नारायण एस भट उत्तर कन्नड़ जिले के सिरसी के रहने वाले हैं। इनका जन्म साल 1953 में हुआ था। भट ने 1973 में कारवार में सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन लिया था और दूसरी रैंक के साथ अपनी मकैनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा पूरा किया। हालांकि, पढ़ाई को लेकर उनके अंदर का उत्साह आज भी वैसे का वैसा है।

नारायण एस भट- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO नारायण एस भट

जिस उम्र में लोग बिस्तर पकड़ लेते हैं, उस उम्र में नारायण एस भट जैसे लोग सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं। बचपन से सुना था कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती, नारायण एस भट ने इस बात को अपने कारनामे से साबित कर दिया। नारायण एस भट ने 70 साल की उम्र में इंजीनियरिंग की डिप्लोमा परीक्षा में टॉप किया है। उन्होंने इस परीक्षा में कुल 94.88 फीसदी अंक हासिल किए हैं।

कौन हैं नारायण एस भट

नारायण एस भट उत्तर कन्नड़ जिले के सिरसी के रहने वाले हैं। इनका जन्म साल 1953 में हुआ था। भट ने 1973 में कारवार में सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन लिया था और दूसरी रैंक के साथ अपनी मकैनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा पूरा किया। हालांकि, पढ़ाई को लेकर उनके अंदर का उत्साह आज भी वैसे का वैसा है। आज भी वह किसी आम छात्र की तरह हर रोज़ कॉलेज जाते हैं। उनके इस जज्बे को देख कर उनके आस पास के लोग तो उनसे प्रभावित होते ही हैं, लेकिन उनके इस कारनामें से भारत के तमाम युवा भी प्रभावित हो रहे हैं, जिन्होंने कभी अपने बुरे हालातों की वजह से अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी।

क्या करते हैं नारायण एस भट

नारायण एस भट के पास कई कंपनियों में काम करने का अनुभव है। उन्होंने देश के कई राज्यों में नौकरियां की हैं। नारायण एस भट साल 2008 में सोलारिस केमटेक लिमिटेड से रिटायर हुए हैं। हालांकि, इसके बाद भी वह सिरसी में ठेकेदार के रूप में काम करते रहे। नारायण एस भट के पास गुजरात के भूकंप त्रासदी के दौरान भी काम करने का अनुभव है। 

नारायण एस भट का परिवार

नारायण एस भट की दो बेटियां हैं, इनमें से एक आयरलैंड में है और दूसरी अमेरिका में। सबसे अच्छी बात यह है कि उनकी दोनों बेटियां इंजीनियर ही हैं। नारायण एस भट मीडिया से बात करते हुए बताते हैं कि उनके 67 साल की उम्र में कॉलेज जाने के निर्णय का उनकी पूरी फैमली ने स्वागत किया और सबने इसमें उनका पूरा साथ दिया।

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