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UP में बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं माता-पिता

प्रयागराज जिले में उत्तर प्रदेश बोर्ड के एक हजार माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों में से 80 फीसदी के माता-पिता कोविड-19 महामारी के बीच अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं।

<p>Parents are not ready to send children to school in...- India TV Hindi Image Source : PTI Parents are not ready to send children to school in UP

प्रयागराज। प्रयागराज जिले में उत्तर प्रदेश बोर्ड के एक हजार माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों में से 80 फीसदी के माता-पिता कोविड-19 महामारी के बीच अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। उप्र बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने स्कूलों के जिला निरीक्षकों (डीआईओएस) को निर्देश दिया था कि वे महामारी के बीच फिर से शुरू किए गए स्कूलों में अपने बच्चों को भेजने को लेकर माता-पिता से लिखित में अनुमति लें।

डीआईओएस आर.एन. विश्वकर्मा ने कहा, "हमने 9 वीं कक्षा से लेकर 12 वीं कक्षा तक के ऐसे 3,42,657 छात्रों के माता-पिता से संपर्क किया, जिनके घर कंटेनमेंट जोन में नहीं थे। उनमें सिर्फ 71,958 (21 प्रतिशत) छात्रों के माता-पिता ही अपने बच्चों को स्कूल भेजने और शिक्षकों से मिलने के लिए सहमत हुए।"शेष 79 प्रतिशत माता-पिता महामारी के चलते अपने बच्चों की सुरक्षा के बारे में अभी भी अनिश्चित थे।

बता दें कि महामारी के कारण मार्च के बाद से ही स्कूल बंद हैं और छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। यूपी बोर्ड के अधिकारियों ने छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं में आने वाली समस्याओं पर अपने शिक्षकों से बातचीत करने की अनुमति देने की योजना बनाई है।राज्य के 28,000 से अधिक उप्र बोर्ड के स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक में लगभग 1.25 करोड़ छात्र पढ़ते हैं।

उन्होंने आगे कहा, "अकेले प्रयागराज में 3,79,961 छात्र 1,079 स्कूलों में नामांकित हैं। इनमें से 1,023 स्कूल कंटेन्मेंट जोन के बाहर स्थित हैं और कक्ष 6ठी से 12 वीं तक 3,42,657 स्टूडेंट्स दाखिला ले चुके हैं। वहीं प्रयागराज में कंटेन्मेंट जोन के बाहर उप्र बोर्ड के स्कूलों की संख्या 56 है।"अधिकारी ने कहा कि एक जागरूकता अभियान के जरिए 2,65,153 छात्रों के अभिभावकों को सरकार द्वारा विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से उपलब्ध कराई जा रही विभिन्न शैक्षणिक सामग्री से अवगत कराया गया है।

जालवा के केन्द्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य विजनेश पांडे ने कहा कि स्कूलों ने अपने छात्रों के माता-पिता को फीडबैक के लिए ऑनलाइन फॉर्म भेजे थे, जिनमें से 95 प्रतिशत से अधिक अभिभावक अपने बच्चों को फिर से स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं थे।

 

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