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दिल्ली विश्वविद्यालय: नए कुलपति की तलाश शुरू, सर्च कमेटी को भेजे नाम

दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कुलपति के आवेदन संबंधी विज्ञापन जारी होने के बाद डीयू में नए कुलपति की तलाश शुरू हो गई है।

Delhi University, Vice Chancellor of Delhi University, DU News- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Delhi University

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कुलपति के आवेदन संबंधी विज्ञापन जारी होने के बाद डीयू में नए कुलपति की तलाश शुरू हो गई है। डीयू के मौजूदा निलंबित कुलपति का कार्यकाल फरवरी 2021 में समाप्त हो रहा है। इससे पहले नए कुलपति का चयन होना है। फिलहाल दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पीसी जोशी कार्यवाहक कुलपति हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की सबसे महत्वपूर्ण संस्था की कार्यकारी परिषद की बैठक में कुलपति के लिए सात नामों को सुझाया गया है। दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद द्वारा तय किए गए नामों को अब सर्च कमेटी को भेजा जाएगा।

दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर का कार्यकाल 10 मार्च 2021 को समाप्त हो रहा है। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, "वाइस चांसलर की नियुक्ति दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिनियम -1922 के प्रावधानों के अंतर्गत नियुक्ति गठित समिति द्वारा सिफारिश किए गए नामों के पैनल में से की जाएगी।"

कार्यकारी परिषद ने जिन नामों का चयन किया है, उनमें गुरु गोबिंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय(आईपीयू) के पूर्व कुलपति व वर्तमान में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडेशन के अध्यक्ष प्रो. केके अग्रवाल, हेमवंती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय के चांसलर योगेश नारायण, पंजाब विश्वविद्यालय केवीसी प्रोफेसर राज कुमार, पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ उत्तराखंड हाईकोर्ट के वीके गुप्ता, ब्रहमपुर उत्कल विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. पाडी के नाम शामिल हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय अब इन नामों में से किन्हीं दो नामों को यूजीसी को भेजेगा। इससे पहले कुलपति बनने की रेस में डीयू के मौजूदा कुलपति प्रो. पीसी जोशी का नाम भी चर्चा में था। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, सोनीपत स्थित भगत फूस सिंह महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुषमा यादव का नाम भी चर्चा में रहा है।

वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए प्रोफेसर व किसी विश्वविद्यालय से 10 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। नए वाइस चांसलर की नियुक्ति में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि आवेदक 65 वर्ष की आयु से अधिक का नहीं होना चाहिए। प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, "वर्तमान वाइस चांसलर के कार्यकाल के कुछ ही दिन शेष बचे हैं। नए वाइस चांसलर की नियुक्ति की प्रक्रिया 6 महीने पहले शुरू हो जाती है। सर्च कमेटी ही दिसम्बर महीने से स्कूटनी के पश्चात नए वाइस चांसलर की खोज कर सकती है। गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के 100 साल पूरे होने वाले हैं।"

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