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राज्यों ने कहा, मिलकर हो बोर्ड परीक्षाओं का निर्णय, छात्रों को मिले टेबलेट और इंटरनेट

बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं की डेटशीट घोषित किया जाना अभी बाकी है। इस बीच देशभर के अधिकांश राज्यों का कहना है कि बोर्ड परीक्षाओं के निर्णय में राज्य सरकारों को भी साथ लिया जाए।

<p>States said, the decision of board exams should be...- India TV Hindi Image Source : FILE States said, the decision of board exams should be together, students should get tablets and internet

नई दिल्ली।  बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं की डेटशीट घोषित किया जाना अभी बाकी है। इस बीच देशभर के अधिकांश राज्यों का कहना है कि बोर्ड परीक्षाओं के निर्णय में राज्य सरकारों को भी साथ लिया जाए। दरअसल कोविड की दूसरी लहर के कारण देशभर में सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी हैं। वहीं ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने के लिए विभिन्न राज्यों ने सुझाव दिया है कि सभी छात्रों को टेबलेट और इंटरनेट का कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने सोमवार को सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मीटिंग की। इस मीटिंग में कोरोना जैसी महामारी से निपटने एवं इस महामारी के दौरान की गई पहल पर विस्तृत चर्चा की गई।

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक राज्यों की तरफ से सुझाव दिया गया कि सभी छात्रों को टैबलेट एवं नेट कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाने चाहिए। यह भी सुझाव आया कि बोर्ड परीक्षाएं करवाने के लिए राज्यों के साथ निर्णय लिए जाने चाहिए। अधिकारियों ने छात्रों को मनोवैज्ञानिक सहयोग देने के लिए मनोदर्पण एप के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दिया।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "कोविड-19 की दूसरी लहर ने हमें लंबी अवधि के लिए स्कूलों को बंद करने हेतु मजबूर कर दिया है। हालांकि हम सबने पाठ्यपुस्तकों, असाइनमेंट, डिजिटल एक्सेस आदि के माध्यम से बच्चों की घर पर ही शिक्षा सुनिश्चित की है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्रों को पाठ्यपुस्तकें, असाइनमेंट, वर्कशीट आदि उपलब्ध होते रहें। हमें आकांक्षी जिलों और दूरदराज के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जहां प्राय: डिजिटल मोड या शिक्षक सुलभ नहीं हैं। इसलिए हमें स्थानीय स्वयंसेवकों और माता-पिता को ई-सामग्री की व्याख्या करने और बच्चों को आगे मार्गदर्शन करने के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए।"

निशंक ने कहा कि डिजिटल शिक्षा सूचना का एकतरफा प्रवाह है, इसलिए हमें प्रत्येक कक्षा के लिए एक आकर्षक डिजिटल सामग्री बनाने की दिशा में काम करना चाहिए ताकि छात्रों का जुड़ाव डिजिटल शिक्षा से बना रहे। उन्होनें सभी अधिकारियों से आग्रह किया कि वे एक ऐसी व्यवस्था बनाएं, जिसमें इस महामारी के दौरान राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के मध्य स्कूली शिक्षा की उत्तम पद्धतियों का समय-समय पर मिलान, तुलना और प्रसार हो सके।

निशंक ने कहा कि निरंतर प्रयासों के कारण, हमने अपने स्कूलों में नामांकित देश के 240 मिलियन बच्चों को शिक्षा प्रदान की है। यह केवल हमारी कड़ी मेहनत और सुनियोजित ²ष्टिकोण के कारण ही संभव हुआ है कि हमने घरों को कक्षाओं में बदला और नियमित रूप से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के प्रभाव को कम करने के लिए समग्र शिक्षा के तहत कुल 5784.05 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है।

डॉ. निशंक ने सभी अधिकारियों को कोरोना योद्धा बताते हुए उनसे आग्रह किया कि वे सभी एनईपी-2020 के कार्यान्वयन पर और विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल लनिर्ंग फ्रेमवर्क के संबंध में अपने बहुमूल्य सुझाव साझा करें। उन्होनें कहा कि सभी शिक्षा अधिकारियों को कोविड-19 के कारण आने वाली बाधाओं को कम करने वाले समाधानों की पहचान करनी चाहिए।

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