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बिहार: चिराग पासवान और तेजस्वी यादव के 'मिले सुर मेरा-तुम्हारा से' NDA पशोपेश में

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के प्रमुख घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख चिराग पासवान के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के सुर में सुर में मिलाने के बाद बिहार में कयासों का बाजार गर्म हो गया।

Tejashwi Yadav and Chirag Pawan- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Tejashwi Yadav and Chirag Pawan

पटना: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के प्रमुख घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख चिराग पासवान के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के सुर में सुर में मिलाने के बाद बिहार में कयासों का बाजार गर्म हो गया। जनता दल (युनाइटेड) से नाराज चल रहे चिराग ने कोरोना काल में बिहार विधानसभा चुनाव नहीं कराने की बात कहकर तेजस्वी का समर्थन किया है। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या चिराग की नजदीकी महागठबंधन के नेताओं से बढ़ रही है। हाल के दिनों में चिराग की जद (यू) से नाराजगी किसी से छिपी नहीं है।

चिराग कई बार बिहार सरकार की सार्वजनिक मंचों से आलोचना कर चुके हैं। चिराग ने लोजपा के मुंगेर जिला अध्यक्ष को केवल इसलिए पद से हटा दिया कि उसने 'राजग के एकजुट' होने की बात मीडिया में कही थी। सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान राजग में सीट शेयरिंग की बातचीत से नाराज हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चिराग पासवान से काफी नाराज चल रहे हैं और बिहार विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी को केवल 25 से 30 सीट देने के पक्ष में हैं, वही चिराग पासवान की मांग है कि चुनाव में उनकी पार्टी को कम से कम 42 सीटें दी जाए।

चिराग हालांकि एक दिन पहले ट्वीट कर भाजपा और जदयू को यह भी संदेश देने की कोशिश की है कि उसे सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो वह कोई भी फैसला ले सकते हैं। चिराग ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए लोजपा की पूरी तैयारी है। 94 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ने तैयारी कर ली है। पार्टी 149 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।

चिराग पासवान की इसी नाराजगी का फायदा तेजस्वी यादव उठाना चाहते हैं। कुछ दिन पूर्व जब तेजस्वी यादव से इसे लेकर सवाल पूछा गया था, तब उन्होंने कहा कि अगर ऐसी कोई बात होगी तो उस पर जरूर विचार किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि तेजस्वी भी कोरोना काल में चुनाव नहीं कराने की मांग कर चुके हैं। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी कहते हैं कि राजनीति में कोई ना दुश्मन होता है और ना ही दोस्त। उन्होंने कहा, "चिराग जी को लगता है कि नीतीश कुमार ने बिहार को ठगा है और वे महागठबंधन में आते हैं, तो उनका स्वागत है।" इधर, जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने भी चिराग के बहाने बिहार में दलित मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर चुके हैं।

इधर, भाजपा ऐसे किसी बयानों का समर्थन करती नजर नहीं आ रही है। भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद कहते हैं, भाजपा संगठन और विचारधारा की बुनियाद पर लगातार काम करने वाली पार्टी है जिसने कोरोना के त्रासदी के दौर में राष्ट्रव्यापी जनसेवा की एक मिसाल कायम की है। भाजपा सिर्फ चुनाव की चिंता वाली राजनीति नहीं करती है लेकिन संगठन और विचारधारा की ताकत की बदौलत हर समय चुनाव के लिए तैयार रहती हैं।

उन्होंने कहा, हर राजनीतिक दल चुनाव के बारे में अपना विचार प्रकट करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन चुनाव से संबंधित हर विषय चुनाव आयोग के दायरे और निर्णय की बात होती है। भाजपा, चुनाव आयोग जैसी महत्वपूर्ण संस्था का दिल से सम्मान करती है और अक्टूबर-नवम्बर 2020 में आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग के हर निर्णय का स्वागत करेगी।