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कर्नाटक में चुनाव से ठीक पहले फर्जी वोटर कार्ड बनाने का भंडाफोड़, 10 हज़ार कार्ड बरामद

जिस वक्त रेड पड़ी उस वक्त वहां बड़ी तादाद में बीजेपी और जेडीएस के कार्यकर्ता और नेता भी थे लिहाजा हंगामा मच गया और मारपीट तक होने लगी। काफी देर तक फ्लैट के अंदर से लेकर बाहर सड़क तक हंगामा होता रहा। हज़ारों की तादाद में मिले इन वोटर आईडी कार्ड की चुनाव आयोग के अफसरों ने जांच की तो वो असली निकले।

Karnataka Assembly Elections: Midnight drama in Bengaluru after 10000 voter IDs found in apartment- India TV Hindi कर्नाटक में चुनाव से ठीक पहले फर्जी वोटर कार्ड बनाने का भंडाफोड़, 10 हज़ार कार्ड बरामद

नई दिल्ली: कर्नाटक में कल रात एक फ्लैट से करीब 10 हज़ार वोटर आईडी कार्ड मिलने पर हड़कंप मच गया। पुलिस ने यहां से कंप्यूटर, प्रिंटर और हजारों की संख्या में वोटर कार्ड बरामद किए हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया कि यह अपार्टमेंट एक कांग्रेसी नेता का है और कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए बेइमानी पर उतर आई है। मतदान से महज चार दिन पहले चुनावी साज़िश के ये सबूत बैंगलुरु के जालहल्ली इलाके के एसेल वी पार्क व्यू अपार्टमेंट से मिले हैं। फ्लैट नंबर 115 में चुनावी साज़िश के इतने सबूत मिले कि वहां रेड मारने गई चुनाव आयोग की टीम हैरान रह गई।

जिस वक्त रेड पड़ी उस वक्त वहां बड़ी तादाद में बीजेपी और जेडीएस के कार्यकर्ता और नेता भी थे लिहाजा हंगामा मच गया और मारपीट तक होने लगी। काफी देर तक फ्लैट के अंदर से लेकर बाहर सड़क तक हंगामा होता रहा। हज़ारों की तादाद में मिले इन वोटर आईडी कार्ड की चुनाव आयोग के अफसरों ने जांच की तो वो असली निकले। मामले की गंभीरता को देखते हुए आधी रात कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि फ्लैट में वोटर आईडी कार्ड कहां से आए, किसने मंगाए, क्या थी पूरी साज़िश इसके खुलासे के लिए जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने FIR भी दर्ज कर ली है।

कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि फ्लैट से नौ हज़ार सात सौ छियालीस वोटर आईडी कार्ड मिले हैं। ये कार्ड असली हैं। जो भी अनियमितता हुई है, जिस किसी ने भी ये काम किया है, सारी चीजों का पता लगाया जाएगा। निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किया जाएगा और सही वक्त पर सही एक्शन लिया जाएगा। अभी मेरे लिए इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। जांच अभी होनी है। चुनाव आयोग की रेड के बाद कर्नाटक की सियासत में मिडनाइट ड्रामा शुरू हो गया। बीजेपी ने आरोप लगाया कि फ्लैट जिस मंजूला नाम की महिला के नाम है। वो कांग्रेस में है और राज राजेश्वरी नगर सीट से विधायक मुनिरत्ना नायडू के लिए काम करती है। लिहाजा, सारी साज़िश कांग्रेस की रची हुई थी इसलिए राज राजेश्वरी नगर सीट का चुनाव रद्द किया जाए।

बीजेपी के आरोपों के बाद कांग्रेस एक्शन में आ गई। कुछ फोटो पेश किए, कागजात दिखाए और दावा किया कि फ्लैट में रहने वाला राकेश फ्लैट की मालिकन मंजूल का दत्तक पुत्र है और वो बीजेपी उम्मीदवार रह चुका है। कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने सफाई दी है और कहा है कि साज़िश वाले फ्लैट का मंजूला के बेटे से कोई संबंध नहीं है। मंजूला 6 साल पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुकी है।

बीजेपी-और कांग्रेस के इस झगड़े में जेडीएस ने किसी का पक्ष नहीं लिया। आधी रात को जेडीएस भी सामने आई और कहा कि चुनाव में साज़िश रचने का काम कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही कर रही है। रात भर चला सियासी ड्रामा अभी खत्म नहीं हुआ है। बीजेपी अनियमितता की दुहाई देकर राज राजेश्वरी नगर सीट का चुनाव रद्द करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री सिद्धरामैया के चुनाव क्षेत्र बादामी का भी मतदान रद्द करने की मांग कर रही है। अब निगाहें चुनाव आयोग पर टिकी हैं कि वोटर आईडी कार्ड वाली साज़िश में वो किस पार्टी के नेता को गुनहगार मानता है।