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Hindi News चुनाव 2024 लोकसभा चुनाव 2019 देश की हॉट सीट का ओपिनियन पोल: वाराणसी के वोटर एक बार फिर नरेंद्र मोदी को दिला सकते हैं जीत

देश की हॉट सीट का ओपिनियन पोल: वाराणसी के वोटर एक बार फिर नरेंद्र मोदी को दिला सकते हैं जीत

वाराणसी लोकसभा देश की वो हॉट सीट है जिसपर सबकी नजरें टिकी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा ऐतिहासिक शहर वाराणसी से चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।

PM Narendra Modi File Photo- India TV Hindi PM Narendra Modi File Photo

नई दिल्ली: वाराणसी लोकसभा देश की वो हॉट सीट है जिसपर सबकी नजरें टिकी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा ऐतिहासिक शहर वाराणसी से चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। इंडिया टीवी ओपिनियन पोल के मुताबिक वाराणसी के वोटर एक बार फिर नरेंद्र मोदी को जीता सकते है। ओपिनियन पोल के मुताबिक यहां अभी भी नंबर वन पर नरेंद्र मोदी हैं जबकि दूसरे नंबर पर यूपीए और तीसरे नंबर पर गठबंधन का उम्मीदवार है। कभी कांग्रेस का गढ रहा कई वाराणसी सियासी उलटफेर का गवाह बना।1967 के चुनाव में भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी पहली और आखरी बार यहां जीती जबकि 1977 में युवा तुर्क कहे जाने वाले चंद्रशेखर ने कांग्रेस को धूल चटाई थी। वाराणसी की सीट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके कमलापति त्रिपाठी और मुरली मनोहर जैसे दिग्गज नेताओं को ससंद पहुंचा चुकी है। 

कौन सी पार्टी कितनी बार जीती
इस सीट से 7 बार कांग्रेस को जीत मिली है, 6 बार बीजेपी के उम्मीदवार जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं। सीपीआई (एम) को एक बार, बीएलडी को एक बार और जनता दल को इस सीट पर एक बार सफलता मिली है

वाराणसी का गणित
1991 से इस सीट पर बीजेपी का बोलबाला है। लेकिन वाराणसी में बीजेपी के जीतने का वोट गणित कुछ इस प्रकार है। यहां 2.5 लाख ब्राह्मण मतदाता हैं। 3 लाख मुस्लिम वोटर हैं। वैश्य - 3.25 लाख, पटेल - 2 लाख, भूमिहार - 1.25 लाख, दलित - 1.50 लाख, यादव - 80 हजार हैं। उच्च जाति और पिछड़ी जाति में बीजेपी की मजबूत पकड़ जीत की गारंटी है।पिछले चुनाव में इसी गणित ने अरविंद केजरीवाल के समिकरणों को धाराशायी कर दिया था।

19 मई को होगी वोटिंग
2014 में नरेंद्र मोदी बीजेपी के उम्मीदवार थे और उन्हें कुल 5,81,122 वोट मिले थे। वहीं आम आदमी की तरफ से उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को कुल 2,09,238 वोट मिले थे। 19 मई को सातवें चरण में वाराणसी ईवीएम में नरेंद्र मोदी की किस्मत को कैद कर देगा क्योंकि पांच सालों के काम के रिपोर्ट कार्ड पर वोटरों को नंबर देना है।