A
Hindi News चुनाव 2024 लोकसभा चुनाव 2019 एक साथ चुनाव कराने के लिए EVM खरीदने के लिए 4,555 करोड़ रुपये की जरूरत होगी: विधि आयोग

एक साथ चुनाव कराने के लिए EVM खरीदने के लिए 4,555 करोड़ रुपये की जरूरत होगी: विधि आयोग

एक साथ चुनाव कराए जाने पर पिछले सप्ताह जारी अपनी प्रारूप रिपोर्ट में विधि आयोग ने चुनाव आयोग (ईसी) के हवाले से बताया कि 2019 आम चुनावों के लिए लगभग 10,60,000 मतदान केन्द्र बनाए जाएंगे।

<p>एकसाथ चुनाव कराने के...- India TV Hindi एकसाथ चुनाव कराने के लिए ईवीएम खरीदने के लिए 4,555 करोड़ रुपये की जरूरत होगी: विधि आयोग

नई दिल्ली: विधि आयोग ने कहा है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के आगामी चुनाव एक साथ कराये जाने के लिए नए ईवीएम और पेपर ट्रेल मशीनों को खरीदने के लिए 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत होगी। एक साथ चुनाव कराए जाने पर पिछले सप्ताह जारी अपनी प्रारूप रिपोर्ट में विधि आयोग ने चुनाव आयोग (ईसी) के हवाले से बताया कि 2019 आम चुनावों के लिए लगभग 10,60,000 मतदान केन्द्र बनाए जाएंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है,‘‘ईसी ने सूचित किया है कि यदि एक साथ चुनाव कराए जाते हैं तो अब तक लगभग 12.9 लाख मतपत्र इकाइयों, 9.4 लाख नियंत्रण इकाइयों और लगभग 12.3 लाख वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की कमी है।’’ इसके अनुसार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) जिसमें एक नियंत्रण इकाई (सीयू), एक मतपत्र इकाई (बीयू) और एक वीवीपैट है जिसकी लागत लगभग 33,200 रुपये है। प्रारूप रिपोर्ट में कहा गया है,‘‘ईसी ने सूचित किया है कि आगामी चुनाव एक साथ कराये जाने से ईवीएम की खरीद पर लगभग 4,555 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा।’’

विधि आयोग ने कहा कि ईवीएम मशीन 15 साल तक काम कर सकती है और इसी को ध्यान में रखकर 2024 में दूसरी बार एक साथ चुनाव कराए जाने के लिए 1751.17 करोड़ रुपये और 2029 में तीसरी बार एक साथ चुनाव कराए जाने के लिए ईवीएम मशीनों की खरीद पर 2017.93 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इसमें कहा गया है,‘‘इसलिए 2034 में प्रस्तावित एक साथ चुनाव के लिए नए ईवीएम की खरीद के लिए 13,981.58 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाते हैं तो प्रत्येक मतदान केन्द्र के लिए अतिरिक्त ईवीएम और अतिरिक्त चुनाव सामग्री के अलावा कोई अतिरिक्त खर्च शामिल नहीं होगा। प्रारूप रिपोर्ट में कहा गया है अतिरिक्त ईवीएम के मद्देनजर बड़ी संख्या में मतदान केन्द्रों पर अतिरिक्त कर्मचारियों की जरूरत हो सकती है।